देवघर: नगर विकास विभाग ने जमुनाजोर जोरिया का कायाकल्प करने की योजना बनायी है. अब त्रिकुट से छत्तीसी, छत्तीसी से बत्तीसी, बत्तीसी से जलसार व जलसार से डढ़वा नदी के बीच जोरिया को अतिक्रमण मुक्त करवाकर लुप्त नदी निकाली जायेगी. मुख्य सचिव व नगर विकास सचिव ने इसका डीपीआर (विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन ) तैयार करने का निर्देश देवघर डीसी को दिया है. देवघर डीसी के निर्देश पर सर्वे का काम भी शुरू हो गया है.
अपने आप में यह बड़ा प्रोजेक्ट है और देवघर के लिए बेहतर होगा. इसके तहत त्रिकुट से जलसार भाया छत्तीसी-बत्तीसी जो नदी छोटी हो गयी है, लुप्त हो गयी है, जहां-जहां अतिक्रमण हो गया है, उसे अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा. शहर के बीचो-बीच एक नदी की लाइनिंग होगी. नदी के दोनों किनारे पेड़ लगाये जायेंगे और पार्क डेवलप किया जायेगा. इस प्रोजेक्ट से पानी की कमी भी दूर होगी, वहीं शहर भी सुंदर लगेगा.
सर्वे में जो बातें सामने आ रही है. उसके अनुसार संताल परगना के 1910 के गजेटियर में जमुनाजोर जोरिया का जिक्र है. यह जोरिया कहीं 35 फीट तो कहीं 150 फीट चौड़ी है, लेकिन वर्तमान में इस जोरिया का लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है. यह जोरिया शहर के जल स्रोत के लिए अहम था. अब इस प्रोजेक्ट में प्रशासन के सामने चुनौती होगी कि पहले जोरिया को अतिक्रमणमुक्त कराना होगा, उसके बाद प्रोजेक्ट पर काम आगे बढ़ सकता है.