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खुले आसमान के नीचे पड़ा है 7230 क्विंटल गेहूं

अमरनाथ पोद्दार देवघर:बिहार के बांका जिले में गरीबों के बीच वितरण किये जाने वाला गेहूं जसीडीह स्टेशन के रेलवे रैक में खुले आसमान के नीचे पड़ा है. करीब 42 वेगन गेहूं पंजाब जगरांव से गुरुवार देर रात तक जसीडीह आया व सुबह तक गेहूं को अनलोड किया गया. इस दौरान 30 वेगन गेहूं ट्रक में […]

अमरनाथ पोद्दार

देवघर:बिहार के बांका जिले में गरीबों के बीच वितरण किये जाने वाला गेहूं जसीडीह स्टेशन के रेलवे रैक में खुले आसमान के नीचे पड़ा है. करीब 42 वेगन गेहूं पंजाब जगरांव से गुरुवार देर रात तक जसीडीह आया व सुबह तक गेहूं को अनलोड किया गया. इस दौरान 30 वेगन गेहूं ट्रक में लोड कर बांका भेज दिया गया. शेष 14,460 बोरा का 7,230 क्विंटल गेहूं खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है.रख-रखाव के अभाव में गेहूं की कई बोरियां फट गयी है व गेहूं जमीन पर पड़ा हुआ है. शनिवार को बारिश की हल्की फुहारों में भी गेहूं खुले में पड़ा रहा.

इस दौरान बचाव के लिए पर्याप्त उपाय भी नहीं किये गये. अगर मूसलधार बारिश हो जाये तो गरीबों का निवाला बारिश में बरबाद हो जायेगा. बताया जाता है कि हरियाणा से मालगाड़ी के जरिये आये गेहूं को अनलोड के बाद इसे बिहार एसएफसी (स्टेट फूड कॉरपोरेशन) द्वारा गोदाम में अविलंब रखना था.

इसके लिए जसीडीह में एफसीआइ का गोदाम भी है. लेकिन बांका जिले के एसएफसी अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया व खुले आसमान में ही छोड़ दिया. एसएफसी ने पर्याप्त ट्रक की व्यवस्था नहीं की, जिस कारण गेहूं को बांका के एसएफसी गोदाम में नहीं ले जाया जा सका. यह गेहूं बांका जिले के जन वितरण प्रणाली के दुकानों में गरीबों के बीच वितरण किया जाना है.

क्या कहते हैं जीएसएस

जसीडीह रेलवे के जीएसएस एके ओझा ने कहा कि रेलवे ने बिहार एसएफसी को गेहूं सुपुर्द कर दिया है. एसएफसी की पूरी जवाबदेही है कि गेहूं को सुरक्षित रखे. इसके लिए एफसीआइ का गोदाम भी जसीडीह में है. लेकिन बांका के एसएफसी अधिकारी ने गेहूं सीधे बांका ही ले जाना उचित समझा जिस कारण गेहूं बाहर में पड़ा है.

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