देवघरः कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का संचालन देवघर के आठ प्रखंडों में हो रहा है. प्रत्येक विद्यालय में कक्षा छह से बारहवीं तक की पढ़ाई का दावा किया जाता है. लेकिन, हकीकत है कि आज भी कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में कक्षा 11वीं एवं 12वीं की पढ़ाई के लिए कोई शिक्षक नहीं हैं.
कक्षा छह से दसवीं तक के लिए नियोजित शिक्षकों के भरोसे उच्चतर माध्यमिक छात्रओं का भविष्य टिका हुआ है. नतीजा विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण में सुधार की बजाय लगातार ह्रास हो रहा है. विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो जिले भर के कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में अनुबंधित शिक्षकों की संख्या 32 एवं पार्ट टाइम शिक्षकों की संख्या 31 है. जबकि विद्यालय में सीटों की संख्या 2400 के मुकाबले करीब 1600 छात्रएं अध्ययनरत हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों की ड्रॉप आउट लड़कियों को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से विद्यालय तो प्रारंभ किया गया. लेकिन, घोषणा के अनुरूप पठन-पाठन एवं शिक्षण व्यवस्था नहीं होने की वजह से कई सवाल उठना शुरू हो गया है.