पत्नी ने दर्ज कराया था मामला
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दस हजार का जुर्माना भी लगाया
पत्नी ने दर्ज कराया था मामला देवघर : मधुपुर के खलासी मुहल्ले में लकड़ी बेचने के विवाद में आफताब अंसारी की हत्या के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए अदालत ने दोषी पाये गये सगे भाई को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. शुक्रवार को एडीजे-6 मो नसरुद्दीन ने महताब अंसारी को हत्या […]
देवघर : मधुपुर के खलासी मुहल्ले में लकड़ी बेचने के विवाद में आफताब अंसारी की हत्या के मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए अदालत ने दोषी पाये गये सगे भाई को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. शुक्रवार को एडीजे-6 मो नसरुद्दीन ने महताब अंसारी को हत्या का दोषी पाते हुए यह सजा सुनायी तथा 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माने की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. महताब पर मधुपुर थाना कांड संख्या 314/15 में धारा 302/12 के तहत आफताब की पत्नी जरीना खातून ने प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इस मामले में सात लोगों की गवाही हुई थी. इस केस में अभियोजक पक्ष से ब्रह्मदेव पांडेय व बचाव पक्ष से जैनुल हसन थे.
27 जुलाई, 2015 को हुई थी घटना
27 जुलाई 2015 को मधुपुर के खलासी मुहल्ले में नीम के एक पेड़ को लेकर दो भाइयों के बीच विवाद हुआ था. इसमें आफताब अंसारी की हत्या कर दी गयी थी. प्राथमिकी के अनुसार नीम का एक पुराना पेड़ काट कर कुछ माह पूर्व घर के आंगन में रख दिया गया था. पेड़ के लकड़ी की कीमत करीब ढाई हजार रुपये थी. इस पेड़ को बेच कर आफताब व उसके पिता घर का टैक्स भरना चाह रहे थे. जबकि दूसरे भाई लकड़ी को बेच कर उसे अन्य मद में खर्च करना चाह रहे थे. इसी विवाद में सगे भाई ने हीं आफताब अंसारी को लाठी व रड से बुरी तरह से पीटा था. घायल अवस्था में उसे अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया. इसमें मृतक के दो भाई महताब अंसारी व अफरोज अंसारी का नामजद अभियुक्त बनाया गया था. मामले में कोर्ट ने महताब अंसारी को हत्या का दोषी पाया और सजा सुनायी.
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