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एक माह से फ्लैट की रजिस्ट्री बाधित

देवघर: निबंधन विभाग ने शहरी क्षेत्र की जमीन समेत अन्य संपत्ति की रजिस्ट्री में होल्डिंग नंबर अनिवार्य कर दिया है. निबंधन विभाग ने बिक्री की जाने वाली जमीन के पंजी-टू का पेज नंबर व वॉल्यूम नंबर को भी अनिवार्य किया है. होल्डिंग नंबर अनिवार्य होने से जमीन की रजिस्ट्री तो हो रही है, लेकिन अपार्टमेंट […]

देवघर: निबंधन विभाग ने शहरी क्षेत्र की जमीन समेत अन्य संपत्ति की रजिस्ट्री में होल्डिंग नंबर अनिवार्य कर दिया है. निबंधन विभाग ने बिक्री की जाने वाली जमीन के पंजी-टू का पेज नंबर व वॉल्यूम नंबर को भी अनिवार्य किया है. होल्डिंग नंबर अनिवार्य होने से जमीन की रजिस्ट्री तो हो रही है, लेकिन अपार्टमेंट में फ्लैट की रजिस्ट्री बाधित है. जिले में करीब एक माह से फ्लैट की रजिस्ट्री पूरी तरह बाधित है.
निबंधन विभाग के अनुसार रजिस्ट्री की जाने वाली कोई भी भूमि व व संपत्ति में नगर निगम से जारी होल्डिंग नंबर का दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा. जमीन की रजिस्ट्री में तो विक्रेता अपना होल्डिंग नंबर देते हैं, लेकिन जो ग्राहक फ्लैट की खरीदारी करना चाहते हैं उन्हें अपने-अपने फ्लैट का व्यक्तिगत होल्डिंग नंबर निगम से प्राप्त करने में असुविधा हो रही है. फ्लैट का व्यक्तिगत होल्डिंग नंबर नहीं रहने से रजिस्ट्री ऑफिस में ऑनलाइन प्री-रजिस्ट्रेशन में बाधाएं आ रही है. इससे सरकार को प्रति माह करीब 10 लाख रुपये के राजस्व नुकसान हो रहा है.

रजिस्ट्री ऑफिस के अनुसार होल्डिंग नंबर जब अनिवार्य नहीं था, तब फ्लैट की रजिस्ट्री सामान्य तरीके से होती थी व करीब 15 फ्लैट की रजिस्ट्री प्रति माह होती थी.

विभाग के निर्देशानुसार जमीन के साथ-साथ फ्लैट का होल्डिंग नंबर रजिस्ट्री में अनिवार्य है. बगैर होल्डिंग नंबर प्री-रजिस्ट्रेशन में तकनीकी बाधाएं होंगी. होल्डिंग नंबर अनिवार्य होने के बाद फ्लैट की रजिस्ट्री के आवेदन नहीं आ रहे हैं. हालांकि जमीन की रजिस्ट्री चालू है.
– बालेश्वर पटेल, सब रजिस्ट्रार, देवघर

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