लेकिन विवाह के लिए वर-वधू की जोड़ियां नहीं मिल रही हैं. जिले भर में वित्तीय वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 478 लाभुकों के चयन का लक्ष्य रखा गया था. इसमें महज 44 लाभुकों का ही चयन किया गया है. समाज कल्याण विभाग को खोजने से भी गरीब वर-वधू की जोड़ियां नहीं मिल रही हैं. इस योजना में सीडीपीओ की मॉनिटरिंग में सुपरवाइजर व आंगनबाड़ी सेविकाओं की ओर से केंद्र के पोषक क्षेत्रों में बीपीएलधारी कन्याओं का सर्वे कर सूची तैयार करनी है.
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मुख्यमंत्री कन्यादान योजना: पड़ी है राशि, नहीं मिल रही जोड़ियां
देवघर: मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत गरीब लड़कियों की शादी में सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाती है. इस योजना के तहत बीपीएल परिवारों की लड़कियों के विवाह में सरकार की ओर से 30,000 रुपये देने का प्रावधान है. प्रक्रिया पूरी करने के बाद वर-वधू के संयुक्त खाते में रुपये सीधे भेज दिये […]
देवघर: मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत गरीब लड़कियों की शादी में सरकार की ओर से आर्थिक मदद दी जाती है. इस योजना के तहत बीपीएल परिवारों की लड़कियों के विवाह में सरकार की ओर से 30,000 रुपये देने का प्रावधान है. प्रक्रिया पूरी करने के बाद वर-वधू के संयुक्त खाते में रुपये सीधे भेज दिये जाते हैं. देवघर जिले में समाज कल्याण विभाग के पास करीब एक करोड़ 30 लाख करोड़ रुपये पड़े हुए हैं.
मुखिया की अनुशंसा पर पंचायत सचिव द्वारा बीपीएल लड़कियों का सत्यापन किया जायेगा. उसके बाद जिन वर-वधू की शादी होने वाली है, उन दोनों के फोटो व उम्र प्रमाण पत्र संलग्न कर प्रखंड कार्यालय में आवेदन जमा किया जायेगा. प्रखंडों के माध्यम से जिला मुख्यालय में योजना की स्वीकृति दी जायेगी. साथ ही वर-वधू के संयुक्त खाते में 30,000 रुपये डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर कर दिये जायेंगा. चालू वित्तीय वर्ष में पांच माह बीत चुका है. इस योजना का लाभ दिलाने के लिए अब तक 44 जोड़ियां ही पंचायत के मुखिया से लेकर सरकारी कर्मी व पदाधिकारी खोज पाये हैं.
मारगोमुंडा में विभाग को नहीं मिली एक भी कन्या
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का लाभ दिलाने के लिए मारगोमुंडा प्रखंड में एक भी गरीब कन्या विभाग को अब तक नहीं मिली है. जबकि देवीपुर प्रखंड महज चार कन्याएं ही मिल पायी है. मधुपुर प्रखंड में सबसे अधिक 22 कन्याओं का चयन इस योजना के लिए किया गया है. अब अगले सात माह में विभाग को 434 जोड़ियों को खोजना होगा, तभी राशि खर्च होगी, नहीं तो राशि सरेंडर भी हो सकती है.
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत बीपीएलधारी कन्या का ही चयन करना है. अब तक जो भी आवेदन आये हैं, उनमें से चयन किया जा चुका है. निर्धारित समय पर लक्ष्य को पूरा कर लिया जायेगा. इसके लिए पंचायत प्रतिनिधियों से भी सहयोग करने का आग्रह किया गया है, ताकि बीपीएल लाभुकों का चयन किया जा सके.
– सुमन सिंह,डीएसडब्ल्यूओ, देवघर
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