सभी का रिकॉर्ड विभाग के पास भेजा जायेगा. इस दौरान पहले घर-घर जाकर पशुओं की गिनती होगी. दूसरे चरण में आवारा पशुओं की गिनती होगी.
इसके अंतर्गत गाय, भैंस, बकरी, सुअर, गधा, घोड़ा, मुरगी आदि शामिल होंगे. इसके लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया तथा सभी गणकों को प्रशिक्षण भी दिया गया. सभी को पशु गणना का तरीका बताया गया. इसमें जानवरों के साथ-साथ उसकी प्रजातियों को भी लिखा जायेगा. इसमें सबसे अधिक परेशानी गाय की गिनती में होगी. देवघर में देशी, हरियाणवी, फ्रीजियन, शंकर वर्ण आदि आधा दर्जन से अधिक नस्लों की गाय रहती है. फाॅर्म में सभी के नस्लों के लिए अलग-अलग कॉलम दिया गया है. रांची से एजेंसी के लिए लोग भी गणना में मदद करेंगे.