देवघर जिले के सभी गांवों को मॉडल बनाया जायेगा. इसके लिए गांवों में मनरेगा, 15वें वित्त और स्वच्छ भारत मिशन की राशि के कन्वर्जेंस से काम होगा. इसके लिए तीनों विभागों के पदाधिकारियों को एक्शन प्लान बनाने की जिम्मेदारी दी गयी है. यह जानकारी डीडीसी डॉ ताराचंद ने पीएचइडी के दोनों प्रमंडल के अधिकारियों के साथ बैठक में दी.
उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन फेज 2 के तहत देवघर के गांवों को मॉडल बनाने के लिए एसबीएम, मनरेगा और 15वें वित्त आयोग की राशि से कार्य करने के लिए तीनों विभागों को कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है. सभी बीडीओ को निर्देश दिया कि ग्राम पंचायत स्वच्छता प्लान तैयार करें.
वहीं डीपीएम और डीपीओ को 15वें वित्त और मनरेगा से बने सोकपिट, नाडेप, कंपोस्ट पिट और नाली की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, ताकि उनकी ऑनलाइन इंट्री की जा सके. डीडीसी ने कहा कि हर घर जल के तहत शत-प्रतिशत नल कनेक्शन वाले गांव को एक सप्ताह के अंदर सत्यापित कर अपलोड करें.
लाभुक बनवायें शौचालय, पूर्ण होने पर खाते में दी जायेगी राशि
डीडीसी ने जिला पंचायतीराज पदाधिकारी से कहा कि सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों में माहवारी पैड निर्माण के लिए 15वें वित्त या स्कूल फंड से राशि निर्गत करने का पत्र निर्गत करें. इसके अलावा गांव में शौचालय विहीन योग्य लाभुकों का चयन कर उन्हें शौचालय निर्माण करवाने का निर्देश दें.
शौचालय निर्माण के बाद जब लाभुक जिओ टैग कर फोटो सहित आवेदन पेयजल विभाग में जमा करेंगे, तो सीधे लाभुक के खाते में प्रोत्साहन राशि भेजी जायेगी. शौचालय का निर्माण अब वीडब्ल्यूएससी के माध्यम से नहीं होगा.
पेयजल समस्या के निदान के लिए कंट्रोल रूम बनायें
डीडीसी ने पीएचइडी पदाधिकारी को निर्देश दिया कि गर्मी के मद्देनजर संभावित पेयजल संकट को देखते हुए चापाकल की मरम्मत और सोलर जलापूर्ति व्यवस्था दुरुस्त करें. साथ ही पेयजल समस्या के निदान के लिए कंट्रोल रूम को एक्टिव रखें. इसके लिए सभी कनीय अभियंता को प्रखण्ड का नोडल बनाया गया है.
इधर, मनरेगा मजदूरों का 62 लाख रुपये मजदूरी मद में बकाया
इधर, जिले भर के करीब सात हजार मजदूरों का मनरेगा मद में 62 लाख रुपये मजदूरी मद में बकाया है. इन मजदूरों ने मनरेगा में मिट्टी मोरम रोड, तालाब, डोभा व कुआं निर्माण में कार्य किया है. मजदूरों को पिछले एक माह से भुगतान नहीं हुआ है.
मजदूरी भुगतान के लिए मजदूर पंचायत कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. मनरेगा एक्ट के अनुसार प्रत्येक सप्ताह मजदूरों के बैंक खाते में मजदूरी भुगतान करने का प्रावधान है, लेकिन समय पर मजदूरी भुगतान नहीं होने से कई योजनाओं का काम प्रभावित हो गया है. सबसे अधिक मजदूरी का बकाया पालोजोरी प्रखंड में 11 लाख रुपये है.
जल्द ही कर दिया जायेगा मजदूरों का भुगतान : डीडीसी
देवघर के डीडीसी डॉ ताराचंद ने कहा है कि मनरेगा मजदूरों का बकाया मजदूरी 62 लाख रुपये तीन-चार दिन पुराना है. जल्द ही इन मजदूरों को भुगतान कर दिया जायेगा. बकाये की वजह से मजदूरों काम प्रभावित नहीं है.
आंदोलन की तैयारी में भाकपा माले : गीता मंडल
देवघर की भाकपा माले नेता गीता मंडल ने कहा है कि केंद्र सरकार मनरेगा में लगातार बजट घटा रही है. मनरेगा मजदूरों को लंबे समय से नियमित मजदूरी नहीं मिल रही है. बकाये मजदूरी का भुगतान को लेकर जल्द ही मनरेगा मजदूर यूनियन की बैठक बुलायी जायेगी व आंदोलन का रुपरेखा तय होगा.