कुंदा : पर्यटक स्थल महादेव के सूर्यकुंड नदी से मेन रोड तक बने पीसीसी पथ निर्माण कार्य में संवेदक द्वारा लापरवाही बरती गयी है. पथ का कार्य ग्रामीण विकाश विशेष प्रमंडल(एनआरइपी) के तहत लगभग 20 लाख की लागत से की जा रही हैं. इसमे लगभग 50 प्रतिशत से अधिक की राशि निकासी कर ली गयी है. पथ का निर्माण दो हजार फीट किया जाना हैं.
कार्य में लोकल पत्थर, निम्न वर्ग के सीमेंट व गुणवत्ता पूर्ण कार्य नही किया गया है. कार्य जेइ के अनुपस्थिति में की गयी है. कार्य स्थल पर संवेदक ने पीसीसी कार्य में स्लोपिंग (ढलान) अधिक कर देने से मंदिर में आनेवाले छोटे-बड़े वाहनों को परेशानी होती है. स्लोपिंग अधिक होने से ब्रेक लेने के बावजूद वाहन रुकने की नाम ही नहीं लेते.
कई बार यहां आनेवाले श्रद्धालुओं को दुर्घटना हो चुकी है. पूर्व डीडीसी बिरसाय उरांव ने निरीक्षण के दौरान पीसीसी पथ में स्लोपिंग का लेवल पूरा करने का निर्देश संवेदक को दिया था. इसके बाद भी संवेदक ने गलती को सुधार नहीं किया. यहां तक पथ में फ्लैंक का कार्य में भी अनियमितता बरती गयी है. मिट्टी मोरम की जगह बड़े-बड़े मेटकुर का पत्थर (मिट्टी युक्त पत्थर) डाल दिया गया है. कार्य में गड़बड़ी की शिकायत पूजा समिति द्वारा की गयी है.
मुखिया ने कहा: मुखिया रेखा देवी ने बताया की पथ निर्माण कार्य में संवेदक मनमाने तरीके से काम किया है. कई बार विभागीय जेइ को पथ निर्माण कार्य में अनियमितता की शिकायत की हूं.
जेइ ने कहा: जेइ बीपी सिंह ने कहा कि पथ की गुणवत्ता की जांच के बाद ही पैसा का भुगतान किया जायेगा. पूरी निकासी नही हुई है. स्थल की जांच कर ही राशि की भुगतान किया जायेगा.