रांची : चतरा स्थित सीसीएल के मगध व आम्रपाली कोल सहित अन्य परियोजनाओं से लेवी वसूली का मास्टरमाइंड विंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू को एनआइए की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. उसकी गिरफ्तारी रांची के बिरसा चौक से तीन-चार दिन पूर्व हुई है. विभागीय सूत्रों के मुताबिक, बिंदु को एनआइए की टीम ने पकड़ा है. उससे टाटीसिल्वे स्थित कैंप कार्यालय में पूछताछ की जा रही है. हालांकि इस संबंध में एनआइए की तरफ से कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है. इससे पूर्व चतरा के सर्किट हाउस से और रांची के कांके रोड स्थित हॉटलिप्स होटल से मुनेश गंझू व विनोद कुमार गंझू को एनआइए ने गिरफ्तार किया था.
बताया जा रहा है कि विंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू ने पूछताछ में लेवी के पैसे के संबंध में कई हाइ प्रोफाइल लोगों के संबंध में अहम राज उगले हैं. इसमें पुलिस व सीसीएल के कतिपय अफसरों व कुछ पत्रकारों सहित उन लाेगों के बारे में खुलासा किया है, जिन्हें लेवी की राशि में हिस्सा दिया जाता था.
बिरसा चौक के समीप एक फ्लैट में मीटिंग कर बाहर निकला था गंझू : सूत्रों के मुताबिक, सीसीएल के एक अधिकारी के बेटे के साथ उसके फ्लैट में विंदेश्वर गंझू उर्फ बिंदु गंझू मीटिंग कर रहा था. उसकी योजना टंडवा थाने में दर्ज मामले (कांड संख्या 22/18) में कोर्ट में सरेंडर कर जमानत पर फिर से बाहर आने की थी. इस मामले में एनआइए टेकओवर कर चुकी है. बिंदु के रांची में होने की सूचना मिलने के बाद एनआइए की टीम ने उसे बिरसा चौक पर चारों ओर से घेर कर पकड़ लिया.
एनआइए की टीम ने िबरसा चौक से पकड़ा
सीसीएल के एक अधिकारी के बेटे के साथ मीटिंग कर निकला था बाहर
टाटीसिल्वे स्थित कैंप कार्यालय में लगातार हो रही पूछताछ
मां गंगे कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी का मालिक है िबंदु गंझू
जानकारी के मुताबिक, बिंदु गंझू मां गंगे कोल ट्रांसपोर्ट कंपनी का मालिक है. लेकिन प्रतिबंधित संगठन टीएसपीसी से भी उसका संबंध है. यह सीसीएल के कर्मी सुभान मियां के जरिये टीएसपीसी से जुड़ा था. चतरा के सिमरिया टंडवा पथ पर उसकी 80 डिसमिल जमीन है. टंडवा में उसके खिलाफ चार मामले दर्ज हुए थे. उसका मुख्य काम लेवी की वसूली कर टीएसपीसी, पुलिस, सीसीएल, पत्रकार सहित अन्य लोगों तक पैसा पहुंचाना है. इस काम में मंटू सिंह सहित अन्य लोग उसका सहयोग करते हैं.
वर्ष 2016 में गंझू के पास से एक करोड़ नकद मिले थे. इस मामले में वह जेल भी गया था. हालांकि, पुलिस जांच के दौरान इस बात को प्रमाणित नहीं कर पायी थी कि पैसे उसी के हैं. इस वजह से उसे जमानत मिल गयी थी. पूर्व में गंझू की संपत्ति जब्त करने के लिए चतरा स्थित उसके घर पर एनआइए ने नोटिस भी भेजा था.