प्रतापपुर. सीताराम साव प्लास्टिक की झोपड़ी बना कर रहने को विवश हैं. प्रखंड मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर वह रह रहे हैं. उन्होंने बताया की दो वर्ष पूर्व इंदिरा आवास मिला था. लेकिन वह प्रखंडकर्मी व बिचौलियों के भेट चढ़ गया. मिट्टी का बना घर बारिश में गिर गया. वह अपने तीन बेटी, एक बेटा व पत्नी शीला देवी के साथ प्लास्टिक की झोपड़ी में रह रहे हैं.
बारिश होने पर रातभर सपरिवार जागकर बिताते हैं. मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. उन्होंने बताया की एग्रीमेंट के समय पहला किस्त मिला था. उसके बाद आज तक एक पैसा भी नहीं मिला. बिचौलियों ने पैसे की निकासी कर ली. कई बार बीडीओ से गुहार लगायी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. सीताराम साव की दो पुत्री दूसरे घर में काम कर अपनी शिक्षा का खर्च निकालती हैं. उन्होंने उपायुक्त से आवास उपलब्ध कराने की मांग की है.