Christmas 2020 : रांची : आर्चडायसिस ने क्रिसमस समारोह के लिए पुरोहितों, धर्मसंघी व लोकधर्मियों के लिए एक औपचारिक घोषणा पत्र जारी किया है. आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो व बिशप थियोडोर मास्करेन्हास ने कहा है कि यह क्रिसमस आध्यात्मिक क्रिसमस हो. प्रत्येक मसीही, ख्रीस्तीय क्रिसमस के पवित्र यूखरिस्तीय समारोह में सहभागी होने की कोशिश करें, जिसे सरकार द्वारा जारी एसओपी के अनुसार हर पल्ली में संपन्न किया जाये. क्रिसमस को लेकर आर्चडायसिस ने निर्देश जारी किया है कि घर में सुंदर क्रिसमस चरनी बनायें, लेकिन आतिशबाजी नहीं करें.
आर्चडायसिस ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए अधिक से अधिक विश्वासियों को ख्रीस्त जयंती की पवित्र मिस्सा में भाग लेने का अवसर मिले, कम संख्या में विश्वासियों के साथ अधिक बार पवित्र मिस्सा आयोजित किये जा सकते हैं. महाधर्म प्रांत भले ही ऑनलाइन मिस्सा जारी रखे, हम याद दिलाना चाहते हैं कि ऑनलाइन मिस्सा यद्यपि आध्यात्मिक संतुष्टि प्रदान करते हैं, पर पवित्र मिस्सा में शारीरिक भागीदारी की औपचारिकता पूरी नहीं करते हैं. पवित्र परम प्रसाद नहीं देते हैं. ऑनलाइन मिस्सा केवल प्रतीकात्मक सहभागिता है, संस्कारीय नहीं.
आर्चडायसिस ने कहा कि घर में सुंदर क्रिसमस चरनी जरूर बनायें. सलाह दी गयी है कि इस वर्ष अधिक खर्च किये बिना, अपने पास उपलब्ध श्रृंगार की वस्तुओं का उपयोग करते हुए घर में जरूर एक सुंदर क्रिसमस चरनी बनायें. इस वर्ष प्रकाश को एक क्रिसमस स्टार तक सीमित करें और अपने घरों को अन्य बत्तियों से ज्यादा सजाने से बचें. आतिशबाजी न करें और पटाखे न फोड़ें. युवाओं से अनुरोध करते हैं कि सड़कों पर जोर-शोर से खुशी मनाने से बचें और ख्रीस्त जयंती की रात अपने परिवार के साथ बितायें.
आर्चडायसिस ने अपने निर्देश में कहा है कि हर पल्ली गरीबों को भोजन करायें. 27 दिसंबर के पवित्र परिवार के पर्व का यह भोज सभी जरूरतमंदों को, जाति, पंथ या धर्म का भेदभाव किये बिना प्रदान किया जायेगा. सभी पल्ली पुरोहितों को क्रिसमस कैरोल गायन समूह बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जो व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के सभी मानदंडों का पालन करते हुए घर-घर जा सकते हैं. यह भी कहा गया है कि वे इस क्रिसमस आर्चबिशप हाउस में कोई केक, उपहार या फूल न लायें. बचाये गये पैसे दान में दिये जा सकते हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra