सात मई को सीबीएसइ द्वारा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) लिया जायेगा. बोर्ड द्वारा नीट का पहली बार आयोजन 2013 में किया गया था. इसके बाद दोबारा 2016 में परीक्षा ली गयी. 2016 में इस टेस्ट का आयोजन दो चरणों में किया गया था.
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट एक सिंगल एंट्रेंस एग्जाम है, जिसके माध्यम से एमबीबीएस-बीडीएस की सभी सीटों के लिए दाखिला लिया जाता है. आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष सात लाख 31 हजार परीक्षार्थियों ने आवेदन किया. इसमें से 4,70,977 परीक्षार्थी क्वालिफाइड हुए. नीट की 15 फीसदी सीट के लिए क्वालिफाइ होने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 19325 है. वहीं देश में नामांकन के लिए सीटों की कुल संख्या 53,300 थी. ऐसे में नीट क्वालिफाइ होने के मायने समझने की जरूरत है. इस आंकड़ों को देख कर परीक्षार्थी आगे की प्लानिंग कर सकते हैं.
क्या है एआइआर क्वालिफाइड का मतलब
नीट 15 फीसदी आॅल इंडिया कोटा क्वालिफाइड, वह कट ऑफ मार्क्स है जिसके ऊपर के विद्यार्थी आॅल इंडिया कोटा के तहत 3521 सीट के लिए काउंसलिंग में बैठ सकते हैं. इसके लिए पिछले वर्ष 19325 विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था. पिछले वर्ष के आंकड़ों के अनुसार जेनरल श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए यह कट ऑफ स्कोर 468 था, जिसमें कुल 14315 विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था. ओबीसी का कट ऑफ 436 था, जिसमें कुल 230 विद्यार्थियों को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया था. एससी का कटऑफ 352 था, वहीं काउंसलिंग में शामिल विद्यार्थियों की संख्या 2815 थी. एसटी का कट ऑफ 303 था व काउंसलिंग में शामिल विद्यार्थियों की संख्या 1427 थी.
भारत में कुल एमबीबीएस सीट
2015 – 52225 2016 – 53300