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बोकारो : 19 माह में तलाक के 50 मामले

पति-पत्नी के बीच टूट रहा है भरोसा Â फैिमली काउंसलिंग सेंटर में 171 दर्ज मामले में 50 तलाक के 26 महिला व 23 पुरुष तलाक की मांग को ले पहुंचे एफसीसी एक मामले में पति-पत्नी दोनों ने स्वेच्छा से तलाक लेने की बात कही सर्वाधिक 53 मामले घरेलू हिंसा के व 30 मामले व्यक्तिगत विवाद […]

पति-पत्नी के बीच टूट रहा है भरोसा Â फैिमली काउंसलिंग सेंटर में 171 दर्ज मामले में 50 तलाक के

26 महिला व 23 पुरुष तलाक की मांग को ले पहुंचे एफसीसी
एक मामले में पति-पत्नी दोनों ने स्वेच्छा से तलाक लेने की बात कही
सर्वाधिक 53 मामले घरेलू हिंसा के व 30 मामले व्यक्तिगत विवाद के
माता-पिता हस्तक्षेप व दांपत्य मतभेद के 26 व दहेज प्रताड़ना के 22 मामले
बोकारो : झारखंड की बौद्धिक राजधानी बोकारो में पति-पत्नी के बीच भरोसा टूट रहा है. संदेह के कारण भी पति-पत्नी के रिश्ते टूट की कगार पर पहुंच रहे हैं. एक -दूसरे के आचरण व खुला व्यवहार भी दंपति पसंद नहीं कर रहे हैं. सुनने में अटपटा जरूर लगेगा, मगर यह सत्य है कि 19 माह में 50 तलाक लेने-देने का मामला आया है. यह खुलासा हुआ है सेक्टर 4 सी में केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड-भारत सरकार की ओर संचालित फैमिली काउंसेलिंग सेंटर वाइएमसीए बोकारो की वार्षिक रिपोर्ट में हुआ है. सेंटर में काउंसेलिंग से तलाक के मामले को रोका जा रहा है. एफसीसी में दर्ज केसों में छोटी-छोटी बातों का परिणाम तलाक तक पहुंच जा रहा है.
पीड़ितों में धैर्य, सहनशीलता जैसे गुण बीते जमाने की बात पायी जा रही है. विवाह के कुछ दिन बाद ही पति-पत्नी के अहंकार, शक व किसी अन्य के साथ संबंध दंपत्तियों के बीच तलाक का कारण बन रहा है. सेंटर में अप्रैल 2015 से (नवंबर 2016) शनिवार तक दर्ज 171 मामलों में 50 तलाक लेने-देने के मामले आये हैं. इनमें 26 महिलाओं व 23 पुरुषों ने तलाक लेने-देने की बात कही है. एक मामले में पति-पत्नी ने स्वेच्छा से तलाक लेने की बात कही.
171 मामले में 109 का निबटारा : एफसीसी में तरह-तरह के पारिवारिक विवाद के कुल 171 मामले आये. इनमें 109 का निबटारा काउंसेलिंग के माध्यम से किया गया. सर्वाधिक मामले घरेलू हिंसा के 53 आये. उसके बाद 30 मामला व्यक्तिगत भिन्नता, माता-पिता हस्तक्षेप व दांपत्य मतभेद के 26 व दहेज प्रताड़ना के 22 मामले सेंटर पहुंचे. केंद्र के काउंसेलर डॉ उदय कुमार व सुश्री एलिन बिना लकड़ा सहित वाइएमसीए बोकारो के अध्यक्ष सीएच मधइ, सदस्य डॉ नर्गिस पॉल, अधिवक्ता आरेंद्र कुमार व मनोचिकित्सक डॉ टी सुधीर मामले के निबटारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

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