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ह्वैकिल ट्रैकिंग सिस्टम: नयी तकनीक से रूकेगी वाहनों चोरी

बोकारो : शहर में वाहन चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. वाहन चोरों ने आम लोगों के साथ-साथ पुलिस की नाक में भी दम कर रखा है. हालांकि थोड़ी सी सावधानी और तकनीक के इस्तेमाल से आप अपने वाहन को सुरक्षित कर सकते हैं. जिले के एसपी ने लोगों से अपने वाहन में ह्वैकिल […]

बोकारो : शहर में वाहन चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. वाहन चोरों ने आम लोगों के साथ-साथ पुलिस की नाक में भी दम कर रखा है. हालांकि थोड़ी सी सावधानी और तकनीक के इस्तेमाल से आप अपने वाहन को सुरक्षित कर सकते हैं. जिले के एसपी ने लोगों से अपने वाहन में ह्वैकिल ट्रैकिंग सिस्टम नामक तकनीक का इस्तेमाल करने की सलाह दी है. उनका कहना है कि इस तकनीक के इस्तेमाल से वाहन चोरी पर अंकुश लग सकेगा.

क्या है ह्वैकिल ट्रैकिंग सिस्टम
ह्वैकिल ट्रैकिंग सिस्टम वाहन में लगा रहेगा और लिंक-अप वाहन मालिक के स्मार्ट मोबाइल फोन से जुड़ा रहेगा. इस तकनीक के इस्तेमाल के लिए वाहन मालिक के पास स्मार्ट फोन होना आवश्यक है. तकनीक से जुड़े वाहन को अगर चोर चुराने का प्रयास करता है, तो वाहन के हिलने के साथ ही वाहन मालिक के मोबाइल पर संदेश जायेगा. इसके बाद भी अगर वाहन मालिक सतर्क नहीं हुआ और चोर वाहन का हैंडिल तोड़ कर या लॉक खोल कर वाहन चुराता है,
तो वाहन मालिक के मोबाइल फोन पर घंटी बजेगी. मोबाइल पर घंटी सुन कर वाहन मालिक अपने फोन पर आने वाले स्टॉप ऑप्शन को टच करेंगे तो वाहन का इंजन स्वत: बंद हो जायेगा. इसके बाद चोर कितना भी प्रयास कर ले. वाहन चालू नहीं हो पायेगा.
चेन्नई की तर्ज पर बोकारो में होगा इस्तेमाल
एसपी ने बताया कि उक्त तकनीक के माध्यम से चेन्नई में वाहन चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगा है. यह तकनीक फिलहाल चेन्नई में सफलता पूर्वक काम कर रहा है. चेन्नई के तर्ज पर ही बोकारो में उक्त तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा. इसके लिये बोकारो पुलिस जिले में स्थापित सभी वाहन डीलर से संपर्क कर रही है. लोगों से भी अपने वाहन में इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए जागरूक किया जायेगा. इसके लिये ग्राहकों को अधिकतम दो हजार रुपया का भुगतान करना पड़ेगा. जो वाहन पुराने हो चुके हैं या जिस वाहन का लॉक खराब हो चुका है.
वाहन का लॉक किसी अन्य चाबी से खुल जाता है. इस तरह के वाहन मालिक अगर लॉक बदलने के लिए शो-रूम जाते हैं तो उन्हें लगभग साढ़े तीन से चार हजार रुपया का खर्च उठाना पड़ता है. पुराने वाहन में भी लॉक चेंज कराने की जगह अगर उक्त तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा, तो वह वाहन मालिक के लिये सस्ता व पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा.

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