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झाड़ियों से गुलजार सब-ऑर्डिनेट रेस्ट हाउस
स्वच्छता अभियान को ले रेलवे की गंभीरता का नजारा बालीडीह :बोकारो रेलवे कॉलोनी के गोल मार्केट में रेलवे इंस्टीच्यूट के बगल में झाड़ियों से गुलजार एक भूत बंगला जैसा कुछ है. ऐतिहासिक खंडहर जैसा लगनेवाला यह ढांचा दरअसल रेलवे के क्लास थ्री अफसरों के लिए बना सब-ऑर्डिनेट रेस्ट हाउस है. रेस्ट हाउस की देखरेख इन्हीं […]
स्वच्छता अभियान को ले रेलवे की गंभीरता का नजारा
बालीडीह :बोकारो रेलवे कॉलोनी के गोल मार्केट में रेलवे इंस्टीच्यूट के बगल में झाड़ियों से गुलजार एक भूत बंगला जैसा कुछ है. ऐतिहासिक खंडहर जैसा लगनेवाला यह ढांचा दरअसल रेलवे के क्लास थ्री अफसरों के लिए बना सब-ऑर्डिनेट रेस्ट हाउस है.
रेस्ट हाउस की देखरेख इन्हीं झाड़ियों के जिम्मे है. इस रेस्ट हाउस का कोई केयर टेकर नहीं है.
कोई नहीं लेता सुधि : बताया जाता है कि पिछले कुछ सालों से इस रेस्ट हाउस से रेलवे ने मुंह फेर लिया है. बगल के रेलवे इंस्टीट्यूट में कार्यक्रम में शरीक होने आये दिन कई बड़े अधिकारी पहुंचते हैं. इस ओर किसी का ध्यान नहीं है. सफाई के अभाव में कोई भी रेलवे अधिकारी इस रेस्ट हाउस में रूकना पसंद नहीं करते. लाखों के खर्च से बना यह भवन आज वीरान है.
रोशनी के नाम पर एक दीप तक जलाने वाला यहां कोई नहीं.
विभाग के पास मजदूर नहीं : रेलवे के जिस विभाग को कॉलोनी सहित अन्य क्षेत्रों की साफ-सफाई का जिम्मा दिया गया है, उसके पास जवाब के नाम पर सिर्फ सफाईकर्मी की कमी का रोना है. बताया जाता है कि स्वास्थ्य महकमा के पास सफाई कर्मी के नाम पर 14-15 लोग हैं. इनमें से कई लोगों को अन्य विभागों जैसे रेलवे पॉली क्लिनीक आदि में भेज दिया जाता है. इसके बाद सफाई के लिए मात्र चार-पांच कर्मी ही बचते हैं.
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