फिल्म निर्माता किरण राव का मानना है कि अभिनेता एवं उनके पति आमिर खान का सिनेमा के प्रति जोश और प्रतिबद्धता उन्हें हिन्दी सिनेमा जगत में पिछले 25 सालों से स्थापित कर रखा है.
25 साल पूरा होने के अवसर पर कल रात ‘कयामत से कयामत तक’ फिल्म के विशेष प्रदर्शन के मौके पर किरण ने कहा कि सिनेमा और कला के प्रति उनका जुनून देखते बनता है. सिनेमा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता और प्रदर्शन के बलबूते ही वह इतने साल से यहां जमे हुए हैं. आमिर खान ने अपने चाचा नासिर हुसैन की फिल्म ‘यादों की बारात’ (1973) से एक बाल कलाकार के तौर पर अभिनय की शुरुआत की थी. हीरो के तौर पर उनकी पहली फिल्म 1988 में जूही चावला के साथ आयी फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ थी.
कुछ असफल फिल्म देने के बाद उन्होंने अपने करियर में ‘जो जीता वही सिकंदर’, ‘हम हैं राही प्यार के’, ‘अंदाज अपना अपना’, ‘रंगीला’, ‘गुलाम’, ‘सरफरोश’, ‘अर्थ’, ‘लगान’, ‘दिल चाहता है’, ‘सरफरोश’, ‘रंग दे बसंती’, ‘फना’, ‘तारे जमीन पर’, ‘गजनी’, ‘थ्री इडियट’ और अन्य सफल फिल्में दी हैं. दिलचस्प बात यह है कि ‘कयामत से कयामत तक’ फिल्म प्रदर्शित होने के बाद किरण ने इसे 13 बार देखी है. उन्होंने कहा कि पहली बार मैंने इसे वीसीआर पर देखा. हम लोग काफी उत्साहित थे और मेरे माता-पिता वीसीआर लेकर आये थे. मैंने यह फिल्म 13 बार देखी. एक बार फिर से फिल्म देखकर, कलाकारों और निर्माण से जुड़े हुए सदस्यों से मिल कर काफी उत्साहित हूं.