27 अगस्त से न्यायिक हिरासत में चास जेल बंद कैदी वसंत कुमार गुप्ता (45 वर्ष) की मौत जेल में हो गयी. मृतक बेरमो थाना क्षेत्र के नया मोड़, श्याम भंडार गली का रहने वाला था. उसका फुसरो-चंद्रपुरा रोड में वसंत फ्रूट नामक दुकान है. उसपर बेरमो थाना में कांड संख्या 131/14 के तहत एनडीपीएस एक्ट (गांजा बेचने के आरोप ) का मामला दर्ज है. मामले में गुरुवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश अमिताभ कुमार की अदालत से बेल मिल गयी थी, लेकिन जेल से निकलने के पहले ही उसकी मौत हो गयी. वसंत ने 27 अगस्त को न्यायालय में आत्मसर्मपण किया था.
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जेल से निकली लाश, हत्या का आरोप
27 अगस्त से न्यायिक हिरासत में चास जेल बंद कैदी वसंत कुमार गुप्ता (45 वर्ष) की मौत जेल में हो गयी. मृतक बेरमो थाना क्षेत्र के नया मोड़, श्याम भंडार गली का रहने वाला था. उसका फुसरो-चंद्रपुरा रोड में वसंत फ्रूट नामक दुकान है. उसपर बेरमो थाना में कांड संख्या 131/14 के तहत एनडीपीएस एक्ट […]
लेने आये था भाई और भतीजा : वसंत को जेल से ले जाने के लिए उसका भतीजा शंकर व भाई त्रिभुवन आया था. दोनों ने जेल प्रशासन पर मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया है. बताया : वे शाम के समय जेल के बाहर खड़े होकर वसंत के निकलने के इंतजार कर रहे थे. उनके साथ अधिवक्ता एसपी सिंह भी थे. शाम साढ़े छह बजे एक सिपाही त्रिभुवन गुप्ता को बुला कर जेल के अंदर ले गया. वहां वसंत मृत पड़ा था. सिर पर चोट के निशान थे.
जेल के पदाधिकारियों ने बताया : अचानक चक्कर आने से वह जमीन पर गिर कर बेहोश हो गया है. तत्काल जेल प्रशासन वसंत को लेकर चास रेफरल अस्पताल गया. यहां चिकित्सकों ने उसे बीजीएच ले जाने की सलाह दी. सरकारी एंबुलेस से जेल के दो सिपाही वसंत को लेकर बीजीएच आये. यहां चिकित्सकों ने वसंत को मृत घोषित कर दिया. बीजीएच के चिकित्सकों ने संभावना व्यक्त की कि चार घंटे पहले ही वसंत की मौत हुई है. वसंत के अधिवक्ता ने बताया : बेल पर जेल से बाहर निकलने वाले कैदी के रिलीज ऑर्डर में उसका हस्ताक्षर होता है.
हाथ में भी जेल प्रशासन मुहर लगाता है. रिलीज ऑर्डर में वसंत का हस्ताक्षर नहीं है और ना ही उसके हाथ में जेल का मुहर है. पुलिस ने शव की जांच की, वसंत के सिर के अलावा कहीं और चोट के निशान नहीं मिले. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर बीजीएच के मुर्दाघर में रखवा दिया है. शुक्रवार को शव का पोस्टर्माटम कराया जायेगा. भाई ने बताया : जेल प्रशासन वंसत को अक्सर प्रताड़ित कर पैसा मांगता था. दो बार जेल में पैसा दिया गया था. तीसरी बार भी पैसे की मांग हो रही थी. इसी बीच उसे बेल मिल गया. बेल मिलने से आक्रोशित होकर जेल के कर्मचारियों ने मारपीट की. इस कारण उसकी मौत हो गयी.
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