बोकारो: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ की तीन दिवसीय सांकेतिक हड़ताल गुरुवार से डीसी कार्यालय के समक्ष शुरू हुई. वक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार कनीय अभियंता व सहायक अभियंता के मानदेय में शत-प्रतिशत बढ़ोतरी की है. संविदा कर्मियों के मानदेय में 80 प्रतिशत बढ़ोतरी की गयी है.
लेकिन, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी, लेखा सहायक, कंप्यूटर सहायक व रोजगार सेवकों का वेतन व भत्ता नहीं बढ़ाया गया. अगर हड़ताल के दौरान सरकार ने किसी तरह का निर्णय नहीं लिया तो 10 जून से अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी. इधर, मनरेगा कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से चास प्रखंड कार्यालय में व्यापक असर पड़ा है. प्रखंड कार्यालय में कार्यरत सभी 80 मनरेगा कर्मी सांकेतिक हड़ताल पर हैं.
मौके पर संघ के जिलाध्यक्ष अषाढ़ी बाउरी, सुनील दास, विवेक मोदी, मनसु महतो, वनफूल महतो, दीपक महतो, सुधांशु सिंह चौधरी, तपन कुमार, मानिक मोदी, आशीष रंजन, नन्हे परवेज, शारदा नायक, सुरेंद्र नाथ, अजय कुमार झा, विष्णु देव महतो, अमन महतो, ब्रह्नादेव तुरी, मनोज कुमार महतो, राजू कुमार मल्लिक, मो गुलाम, त्रिभुवन, भुवनेश्वर महतो, अशोक कुमार दास, उत्तम महतो, हराधन हेंब्रम, काशीनाथ चौधरी, हीरा लाल महतो आदि उपस्थित थे.
ये हैं मांगें
मनरेगा कर्मियों की सेवा 60 वर्ष तक सुनिश्चित की जाये, छठा वेतन आयोग के निर्देश के अनुसार मानदेय को वेतनमान के परिवर्तित करें, मनरेगा का संपूर्ण प्रभार मनरेगा कर्मियों को दिया जाये, मनरेगा कर्मियों को स्वास्थ्य, बीमा, इपीएफ, अवकाश, मुआवजा, दुर्घटना बीमा(दस लाख) व अनुकंपा के आधार पर नौकरी की सुविधा दी जाये, सरकारी नौकरी में आरक्षण व उम्र सीमा में छूट मिले, बरखास्त मनरेगा कर्मियों की सेवा बहाल हो, कनीय अभियंता, सहायक अभियंता के मानदेय में हुई वृद्धि के अनुपात में मानदेय बढ़े, मनरेगा कर्मी सहित अन्य संविदा कर्मियों का 80 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिले.