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भूखे हों बच्चे तो मिजिल्स रूबेला का टीका नहीं लगाएं : डॉ मुर्मू

बोकारो : जिले में 26 जुलाई से चल रहे मिजिल्स रूबेला अभियान की समीक्षा स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ व डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने की. कैंप दो स्थित सीएस कार्यालय में हुई इस बैठक की अध्यक्षता सीएस डॉ एस मुर्मू ने की. उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान कुछ विद्यालयों में विद्यार्थियों को परेशानी होने की बात […]

बोकारो : जिले में 26 जुलाई से चल रहे मिजिल्स रूबेला अभियान की समीक्षा स्वास्थ्य विभाग, यूनिसेफ व डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने की. कैंप दो स्थित सीएस कार्यालय में हुई इस बैठक की अध्यक्षता सीएस डॉ एस मुर्मू ने की. उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान कुछ विद्यालयों में विद्यार्थियों को परेशानी होने की बात सामने आयी थी. चिकित्सकों के दल ने कारण पता कर तुरंत इसका समाधान किया. ध्यान रखना है कि टीकाकरण से पूर्व विद्यार्थियों ने लंच लिया है या नहीं.
जो विद्यार्थी भूखे पेट हैं, उन्हें खाना खिला कर ही टीका देना है. यूनिसेफ के प्रदेश समन्वयक अमृतांशु राज ने कहा कि आम लोगों को रूबेला के प्रति जागरूक करने की जरूरत है. मिजिल्स रूबेला को नियमित टीकाकरण में शामिल करने के बाद भी लगातार जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है.
एमआर नोडल डॉ उत्तम कुमार ने बताया रूबेला एक वायरल संक्रमण है, जो शरीर पर लाल खरोंच के रूप में प्रकट होता है. यह संक्रमण बच्चों, वयस्क व गर्भवती महिलाओं में सबसे अधिक होता है. डब्ल्यूएचओ के डॉ अनूब ने कहा कि रूबेला वायरस बहरापन, मोतियाबिंद, आंख की समस्याओं, हृदय दोष, रक्त रोगों, मानसिक रोग, अस्थि दोष, इन्सेफेलाइटिस का कारण बनता है.
डीआरसीएचओ डॉ सेलीना टुडू ने कहा कि मिजिल्स रूबेला होने की स्थिति में शरीर का तापमान बढ़ जाता है. सिर में दर्द शुरू होता है. सिर
व गर्दन में लाल दाने के साथ यह पूरे शरीर में फैल जाता है. जब भी ऐसी स्थिति बने मरीज को तुरंत ही चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए. मौके पर स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे.

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