बोकारो: वेतन के अभाव में सल्फास खाकर आत्महत्या करने वाले माडा कर्मी जवाहर सिंह की मौत के दो माह बाद पिंड्राजोरा थाना में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का मामला दर्ज किया गया है. यह मामला चास के कृष्णा पुरी कॉलोनी, शारदा मेडिकल के पास रहने वाले मृतक के पुत्र मधुरेंद्र कुमार सिंह के फर्द बयान पर गुरुवार को दर्ज किया गया है. मामले में माडा कार्यालय के प्रभारी बलराम राउत, तत्कालीन प्रबंध निदेशक एसएन उपाध्याय को अभियुक्त बनाया गया है. अभियुक्तों पर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाया गया है.
घटना गत पांच फरवरी की है. 27 माह से वेतन लंबित होने के कारण माडा कर्मी जवाहर सिंह की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गयी थी. पुत्र ने फर्द बयान में बताया है कि एक तो वेतन नहीं मिल रहा था, दूसरी ओर, पिता से काफी ड्यूटी लिया जा रहा था. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण पिता मानसिक अवसाद में थे.
पांच फरवरी को आइटीआइ मोड़ स्थित माडा कार्यालय में जवाहर सिंह ने सल्फास खा लिया. उनकी हालत खराब होने लगी तो कर्मचारियों ने घर पर सूचना दी. मधुरेंद्र सिंह कार्यालय पहुंचे और पिता को उठा कर घर ले गये. आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उन्हें पांच फरवरी को घर में ही रखा गया. इलाज के अभाव में जवाहर की स्थिति काफी खराब होती गयी. घटना की जानकारी पाकर जवाहर के दामाद रौशन कुमार ने छह फरवरी को उन्हें बीजीएच में भरती कराया. यहां इलाज के दौरान सात फरवरी को उनकी मौत हो गयी. जवाहर की मौत के दिन ही सेक्टर चार पुलिस ने उनके पुत्र का फर्द बयान अंकित किया था. उसी दिन फर्द बयान को पिंड्राजोरा थाना भेज दिया गया था. इसके बाद भी दो माह तक पुलिस ने मामला दबाये रखा.