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…ताकि न हो बोकारो प्लांट व सेक्टरों में पानी की कमी
बोकारो: वर्ष 2018 से बोकारो स्टील प्लांट पानी के लिए पूरी तरह तेनु नहर पर आश्रित नहीं रहेगा. मतलब, अब बोकारो स्टील प्लांट व सेक्टरों में पानी कमी नहीं होगी. तेनु डैम से पाइप से कूलिंग पौंड में पानी आयेगा. पुणे-महाराष्ट्र की कंपनी इसके लिए सर्वेक्षण का काम कर रही है. सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद […]
बोकारो: वर्ष 2018 से बोकारो स्टील प्लांट पानी के लिए पूरी तरह तेनु नहर पर आश्रित नहीं रहेगा. मतलब, अब बोकारो स्टील प्लांट व सेक्टरों में पानी कमी नहीं होगी. तेनु डैम से पाइप से कूलिंग पौंड में पानी आयेगा. पुणे-महाराष्ट्र की कंपनी इसके लिए सर्वेक्षण का काम कर रही है. सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद बीएसएल प्रबंधन टेंडर निकालेगा. बीएसएल प्रबंधन ने टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अगस्त 2018 से तेनु डैम से पाइप से कूलिंग पौंड में पानी आना शुरू हो जायेगा. कूलिंग पौंड से हीं प्लांट व सेक्टरों में पानी की आपूर्ति की जाती है.
क्यों पड़ी जरूरत : तेनु नहर जगह-जगह काफी जर्जर हो गया है. बीएसएल प्रबंधन की ओर से समय-समय पर नहर की मरम्मत का कार्य किया जाता है. कई बार नहर काटो आंदोलन के कारण भी समस्या बनी रहती है. 2016 में नहर क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी के अभाव में बीएसएल में 22 दिन उत्पादन नहीं हुआ. इस कारण, बीएसएल बेहतर प्रदर्शन के बावजूद भी घाटा से उबर नहीं पाया. इसलिए बीएसएल पानी के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर रहा है. बीएसएल को 2016-17 में 203 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जबकि 2015-16 में यह आंकड़ा 2096 करोड़ रुपये था.
पानी को लेकर अब कोई रिस्क नहीं
वित्तीय वर्ष 2017-18 के प्रथम तिमाही में बीएसएल में रिकार्ड उत्पादन हुआ है. इससे बीएसएल के अधिकारी व कर्मी काफी उत्साहित हैं. गत 15 वर्ष की तुलना में वित्तीय वर्ष 2016-17 में बीएसएल का अच्छा प्रदर्शन रहा. बावजूद इसके बीएसएल घाटा में रहा. इसका मुख्य कारण रहा : तेनु नहर के क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी के अभाव में बीएसएल में 22 दिन उत्पादन नहीं होना. इस कारण बीएसएल पानी को लेकर अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहता है. पानी के लिए बीएसएल प्रबंधन ने वैकल्पिक व्यवस्था करने की योजना तैयार कर ली है.
तेनु नहर की मरम्मत का काम समय-समय पर होता रहता है. जब से मैं आया हूं तब से अब तक दो बार नहर की मरम्मत का काम हो चुका है. लेकिन, बीएसएल पानी के लिए पूर्ण रूप से तेनु नहर पर निर्भर नहीं होना चाहता है. कुछ माह पहले इसी निर्भरता के कारण बीएसएल का उत्पादन 22 दिन बंद रहा. इसलिए, वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पाइप लाइन से पानी लाने की योजना बन रही है.
पीके सिंह, सीइओ-बीएसएल
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