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रेलवे ट्रैक पर दौड़कर रुकवायी ट्रेन, बचायी हजारों यात्रियों की जान

बानो के असीसन सुरीन ने वर्ष 1991 में रेल दुर्घटना टाल कर बचायी थी हजारों यात्रियों की जान अफसर, मंत्री का अनुशंसा पत्र लेकर दर-दर की ठोकर खा रहा आदिवासी युवक रांची : बानो का आदिवासी युवक असीसन सुरीन ने 23 साल पहले रेल दुर्घटना टाल कर हजारों लोगों की जान बचायी थी. उस वक्त […]

बानो के असीसन सुरीन ने वर्ष 1991 में रेल दुर्घटना टाल कर बचायी थी हजारों यात्रियों की जान

अफसर, मंत्री का अनुशंसा पत्र लेकर दर-दर की ठोकर खा रहा आदिवासी युवक

रांची : बानो का आदिवासी युवक असीसन सुरीन ने 23 साल पहले रेल दुर्घटना टाल कर हजारों लोगों की जान बचायी थी. उस वक्त रेलवे अधिकारियों ने 12 वर्षीय आदिवासी बच्चे की हिम्मत को सराहा था. उसकी सूझबूझ की प्रशंसा की थी.

साथ ही उसे पारितोषिक के तौर पर नौकरी दिलाने की बात कही थी. घटना के दो दशक बीत चुके हैं, लेकिन अब तक असीसन को इनाम नहीं मिला. वह अब रेलवे अधिकारियों और मंत्रियों के अनुशंसा पत्र लेकर दर-दर की ठोकरें खा रहा है. उसे अब भी आस है कि उसे न्याय मिलेगा. इसलिए प्रयासरत है. नाबालिग असीसन ने आठ दिसंबर 1991 को बानो और महबुआंग के बीच 2 जेआर डाउन पैसेंजर को बड़ी दुर्घटना होने से बचाया था, अन्यथा कई लोग काल के ग्रास बन सकते थे.

बानो के तत्कालीन स्टेशन मास्टर ने पारितोषिक के रूप में दक्षिण-पूर्व रेलवे में नौकरी दिलाने को लेकर प्रमाण पत्र भी दिया था. इसके बाद से पत्रचार का सिलसिला जारी है. सांसद, विधायक और रेलवे अधिकारियों ने असीसन को नौकरी दिलाने की अनुशंसा की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया है.

रेलवे ट्रैक पर दौड़ रुकवायी थी ट्रेन

असीसन सुरीन ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए घटना की जुबानी बयां की. बात आठ दिसंबर 1991 की है. 12 वर्षीय असीसन रोज की तरह जनता स्कूल में पढ़ने जा रहा था. उस दिन स्कूल में ललित कला की परीक्षा थी. रेलवे ट्रैक से गुजरने के दौरान उसने देखा कि रेलवे ट्रैक टूटा हुआ है. पैसेंजर ट्रेन के आने का भी समय हो गया है. आसपास किसी के नहीं रहने पर हाथ में लाल कपड़ा लेकर वह रेलवे ट्रैक पर राउरकेला की तरफ दौड़ने लगा. नौ पोल पार करने पर उसे ट्रेन दिखी. ट्रेन के नजदीक आने पर उसने चिल्लाते हुए रुकने का इशारा किया. ड्राइवर की नजर उस पर पड़ी. उसने ट्रेन रोकी, फिर जानकारी ली.

दोनों ने पैदल जाकर टूटी पटरी को देखा. उसे बालिग होने पर पारितोषिक के तौर पर नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया गया था. मैट्रिक पास करने के बाद से असीसन नौकरी के लिए गुहार लगा रहा है.

किसने-किसने की अनुशंसा

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, तत्कालीन उप मुख्यमंत्री प्रो स्टीफन मरांडी, विधायक पौलुस सुरीन, पूर्व सांसद डॉ रामेश्वर उरांव के अलावा दक्षिण-पूर्व रेलवे के मैनेजर (पर्सनल), तत्कालीन स्टेशन मैनेजर, बानो ने केंद्रीय रेल मंत्री को अनुशंसा पत्र लिख कर असीसन को न्याय दिलाने का आग्रह किया है. असीसन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर भी मदद करने की गुहार लगायी है.

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