रांची: रोजगार सेवकों का मानदेय बढ़ा कर आठ हजार रुपये प्रति माह करने का फैसला किया गया है. बुधवार को राज्य स्तरीय मनरेगा काउंसिल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की. ग्रामीण विकास मंत्री चंद्रशेखर दुबे काउंसिल के उपाध्यक्ष के रूप में उपस्थित थे.
मंत्री ने मनरेगा के तहत काम करनेवाले रोजगार सेवकों का मानदेय दो हजार रुपये बढ़ाने का प्रस्ताव रखा. इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति जतायी. बैठक के बाद श्री दुबे ने पत्रकारों को बताया कि फैसला हो गया है. जानकारी के मुताबिक, करीब 6000 रोजगार सेवक यहां कार्यरत हैं.
अभी उन्हें छह हजार रुपये मानदेय मिलता है. मनरेगाकर्मियों की मांग थी कि मानदेय बढ़ा कर 10 हजार कर दिया जाये. मंत्री ने कहा कि मनरेगाकर्मी काफी दिनों से मानदेय में बढ़ोतरी की मांग रहे थे. राज्य में मनरेगा का काम बेहतर हो रहा है. पहले की सरकारों के समय करीब 500 मनरेगाकर्मी बरखास्त हुए, लेकिन इस सरकार में एक भी बरखास्त नहीं हुए और न होंगे.
मनरेगा को कारगर बनाने का दिया निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री ने मनरेगा को कारगर बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था हो कि ज्यादा से ज्यादा मजदूरों का रुझान मनरेगा की ओर हो. दूसरी योजनाओं के साथ इसका कन्वर्जेस किया जाये. पानी की व्यवस्था या पानी रोकने के लिए इसका बेहतर इस्तेमाल हो. इससे खेत में सिंचाई की समस्या दूर होगी. मुख्यमंत्री ने हर जिले के लिए एक मोबाइल वैन की व्यवस्था करने को कहा, ताकि मनरेगा का प्रचार-प्रसार हो. गांवों में जाकर लोगों को मनरेगा के प्रति जागरूक किया जा सके.