रांची: राज्य के पूर्व मंत्री बंधु तिर्की पर आय से अधिक संपत्ति अजिर्त (डीए) करने का मुकदमा चलेगा. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश आरसी चौधरी ने इस मामले में सीबीआइ द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को अमान्य करार दिया है. अदालत ने मामले में संज्ञान लेने के बाद बंधु तिर्की को नोटिस जारी किया है. उन्हें 12 अगस्त को हाजिर होने का निर्देश दिया गया है. मालूम हो कि मंत्रियों द्वारा आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करने के मामले में बंधु तिर्की को भी अभियुक्त बनाया गया था.
मई 2013 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी : सीबीआइ दिल्ली ने बंधु तिर्की के मामले की जांच के बाद मई 2013 में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी. इसमें कहा गया था कि जांच में श्री तिर्की के पास आय से अधिक संपत्ति पायी गयी है. लेकिन संपत्ति इतनी कम है कि सीबीआइ इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के पक्ष में नहीं है. सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ने क्लोजर रिपोर्ट की समीक्षा के बाद सीबीआइ के इस पक्ष को अमान्य कर दिया है.
आमदनी से 30 फीसदी अधिक आय : अदालत ने यह पाया है कि वर्ष 2005-09 तक की अवधि में पूर्व मंत्री बंधु तिर्की की सभी वैध स्नेतों से आय 20 लाख रुपये है. जबकि इस अवधि में उन्होंने 26.5 लाख रुपये की संपत्ति अजिर्त की. यह उनकी आमदनी से 30 प्रतिशत से भी अधिक है. इसलिए अभियुक्त के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अजिर्त करने का मुकदमा चलाया जा सकता है. इसके बाद अदालत ने इस मामले में संज्ञान लिया और बंधु तिर्की के खिलाफ नोटिस जारी किया.