रांची: हजारीबाग के उपायुक्त सुनील कुमार और एसपी मनोज कौशिक ने गृह विभाग को केरेडारी में पुलिस द्वारा गोली चलाने की घटना से संबंधित रिपोर्ट भेजी है. दोनों अधिकारियों की संयुक्त रिपोर्ट में कहा गया है कि केरेडारी में पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए गोली चलायी थी. केरेडारी के पगारी गांव में एनटीपीसी के कार्यालय भवन का काफी समय से विरोध किया जा रहा था. बावजूद इसके एनटीपीसी प्रबंधन ने पुलिस-प्रशासन को बिना सूचना दिये निर्माण कार्य आरंभ करा दिया था. इससे ग्रामीण आक्रोशित हो गये थे. ठेकेदार और स्थानीय लोगों में झड़प की सूचना पाकर पुलिस वहां पहुंची थी. काफी संख्या में एकत्रित ग्रामीण उग्र हो गये थे. उन्होंने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. इससे एक पुलिसकर्मी का सिर फूट गया.
मजबूरी में पुलिस को गोली चलानी पड़ी. इससे केशर महतो नामक के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी. अधिकारियों ने केरेडारी घटना के लिए पूरी तरह से एनटीपीसी को दोषी करार दिया है. कहा है कि केरेडारी और बड़कागांव में एनटीपीसी द्वारा किये जा रहे कार्य का स्थानीय लोग काफी समय से विरोध कर रहे हैं. जमीन के बदले मुआवजा की राशि का वितरण व अन्य सुविधाओं को लेकर काफी विवाद है.
घटना की जानकारी मिलने पर सहायक अवर निरीक्षक मुक्ति नारायण सिंह अपने साथ एक -चार का पुलिस बल लेकर विवाद सुलझाने पहुंचे. रिपोर्ट में कहा गया है कि आक्रोशित ग्रामीणों ने पुलिस पर ही हमला कर दिया. पत्थरबाजी में पुलिसकर्मी राणा प्रताप सिंह घायल हो गये. भीड़ ने उनके हथियार भी लूटने की कोशिश की. मजबूर होकर पुलिस को इंसास रायफल से पहले हवाई और बाद में पैरों को निशाना लेकर फायरिंग करनी पड़ी. सात राउंड तक हुई फायरिंग से बचने के लिए कई लोग जमीन पर बैठ गये थे. इसी कारण केसर महतो को पेट में गोली लगी, जिससे उसकी मृत्यु हो गयी. जबकि चार अन्य लोग घायल भी हो गये.