रांची : कांग्रेस झारखंड में झामुमो के साथ महागंठबंधन बना कर विधानसभा चुनाव लड़ेगी. इसमें राजद, जदयू व दूसरे छोटे दल भी शामिल रहेंगे. इस महागंठबंधन में फिलहाल झाविमो को किनारे रखा गया है. सोमवार को राजधानी में पार्टी के सांसद, विधायक और वरिष्ठ नेताओं की बैठक में गंठबंधन के तहत चुनाव लड़ने पर सहमति बनी.
महागंठबंधन का खाका झामुमो के साथ बातचीत के बाद तय होगा. गंठबंधन के दलों के साथ बातचीत के लिए पार्टी कोर कमेटी बनायेगी.
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, विधायक दल के नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह, सांसद प्रदीप बलमुचु, धीरज साहू, विधायक व मंत्री गीताश्री उरांव, केएन त्रिपाठी, मन्नान मल्लिक, विधायक बन्ना गुप्ता, अनंत प्रताप देव, राजेश रंजन, पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय, फुरकान अंसारी, रामेश्वर उरांव, देवेंद्रनाथ चंपिया मौजूद थे. विधायक डॉ सरफराज अहमद, सौरभ नारायण सिंह और माधव लाल सिंह नहीं आये.
आलमगीर नाराज, बैठक छोड़ चले गये
बैठक में झामुमो के साथ गंठबंधन का कई नेताओं ने विरोध किया. पूर्व स्पीकरआलमगीर आलम ने पार्टी को झामुमो के साथ नहीं जाने की सलाह दी. गंठबंधन से संताल परगना में पार्टी को भारी नुकसान की बात कही. नाराज हो कर आलमगीर आलम बीच बैठक से उठ कर चले गये. फुरकान अंसारी का कहना था कि केवल झामुमो के साथ गंठबंधन न हो. झाविमो को भी शामिल किया जाये.
झामुमो से बात होगी, स्वरूप तय होगा : बीके हरि प्रसाद
पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस प्रभारी बीके हरि प्रसाद ने कहा कि विधानसभा चुनाव में हमने झामुमो के साथ महागंठबंधन बनाने का फैसला किया है. पार्टी के ज्यादातर नेताओं की यही राय थी. बातचीत के बाद गंठबंधन का स्वरूप तय होगा. राजद, जदयू सहित दूसरे छोटे दलों से बात होगी. पार्टी कोर कमेटी और कैंपेन कमेटी भी बनायेगी. यह पूछे जाने पर कि महागंठबंधन का नेता कौन होगा, प्रभारी ने कहा कि फिलहाल यही तय हुआ है कि गंठबंधन में चुनाव लड़ेंगे. सीट सहित दूसरे मुद्दों पर झामुमो से बात होगी.