रांची: यदि किसी महिला की शादी 19 वर्ष के बाद हुई और पहले बच्चे का जन्म शादी के दो वर्ष बाद हुआ हो, तो उसे कम से कम 10 हजार रुपये दिये जायेंगे. पुत्री होने की स्थिति में 12 हजार रुपये दिये जायेंगे.
दंपती ने यदि दूसरी संतान में न्यूनतम तीन वर्ष का अंतर रखा हो एवं जन्म के एक वर्ष के भीतर ही परिवार नियोजन अपनाया हो, तो उन्हें अतिरिक्त पांच से सात हजार रुपये मिलेंगे. स्वास्थ्य मंत्रलय भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही प्रेरणा योजना के तहत यह राशि दी जायेगी. यह योजना केवल बीपीएल परिवारों के लिए ही है.
स्वास्थ्य विभाग, जनसंख्या स्थिरिता कोष व फ्यूचर ग्रुप इंटरनेशनल द्वारा आयोजित परिवार नियोजन निवेश कार्यक्रम में इसकी जानकारी दी गयी. कार्यक्रम का आयोजन नामकोम स्थित आइपीएच सभागार में किया गया. वक्ताओं ने बताया कि जनसंख्या स्थिरता कोष द्वारा सात अत्यधिक जनसंख्या वृद्धि के राज्य ओड़िशा, बिहार, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड एवं राजस्थान के लिए प्रेरणा योजना चलायी जा रही है. इसके तहत निजी अस्पतालों, नर्सिग होम जो परिवार नियोजन करते हैं, उन्हें भी प्रोत्साहन राशि देने की योजना है.
कार्यशाला की अध्यक्षता एनआरएचएम के अभियान निदेशक आशीष सिंहमार ने की. उन्होंने कहा कि जनसंख्या स्थिरता के अंतर्गत प्रेरणा योजना एवं संतुष्टि योजना झारखंड के लिए अच्छी शुरुआत है. इस योजना से झारखंड में टोटल फर्टिलिटी रेट को कम करने में सहायता मिलेगी.
सीनियर पॉलिसी एनालिस्ट डॉ आरके श्रीवास्तव ने झारखंड के पोपुलेशन प्रोजेक्शन के बाबत जानकारी दी. जनसंख्या स्थिरता कोष की प्रमुख डॉ मधुलेखा भट्टाचार्य, हेल्थ पॉलिसी प्रोजेक्ट की होर चोकसी ने जनसंख्या स्थिरता कोष की योजनाओं की जानकारी दी. मौके पर निदेशक प्रमुख डॉ सुमंत मिश्र, उपनिदेशक डॉ एके चौधरी, डॉ राजमोहन समेत विभिन्न जिलों के सिविल सजर्न व एसीएमओ समेत कई एनजीओ के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.