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रंजीत सिंह उर्फ रकीबुल हसन को बचाने की साजिश!

– सुरजीत सिंह- निशानेबाज तारा शाहदेव को उसके पति रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन के ब्लेयर अपार्टमेंट स्थित फ्लैट (आरडी-4) से 19 अगस्त की रात को मुक्त कराया गया था. इसी रात तारा के बयान पर हिंदपीढ़ी पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की. अब इसके बाद के घटनाक्रम पर गौर करें, 20 अगस्त को आरोपी […]

– सुरजीत सिंह-

निशानेबाज तारा शाहदेव को उसके पति रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन के ब्लेयर अपार्टमेंट स्थित फ्लैट (आरडी-4) से 19 अगस्त की रात को मुक्त कराया गया था. इसी रात तारा के बयान पर हिंदपीढ़ी पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की. अब इसके बाद के घटनाक्रम पर गौर करें, 20 अगस्त को आरोपी रंजीत कोहली रांची आता है, 21 अगस्त को वह अपनी मां को लेकर सड़क मार्ग से दिल्ली जाता है, 25 अगस्त की देर रात रंजीत का लिखित बयान अखबारों के दफ्तरों को मिलता है, 26 अगस्त की देर शाम वह एक टीवी चैनल पर अपना पक्ष रखता है.

इसके घंटे भर बाद ही नाटकीय तरीके से उसकी गिरफ्तारी होती है. इन घटनाक्रम पर गौर करने से तारा शाहदेव का यह आरोप सच दिखता है, जिसमें उसने कहा है कि पुलिस ने रंजीत को फरार होने का मौका दिया और जब मामले ने तूल पकड़ा, तो पुलिस की कार्रवाई में तेजी आयी.

तारा शाहदेव के आरोपों को इस बात से भी बल मिलता है कि पुलिस ने 19 अगस्त की रात जो प्राथमिकी दर्ज की थी, उसमें सिर्फ दो धाराएं लगायी. प्रताड़ना के लिए भादवि की धारा 498 (ए) और एकमत होकर अपराध करने के लिए भादवि की धारा 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की.

तारा ने पुलिस के समक्ष जो बयान दर्ज कराया था, उसमें रंजीत कोहली पर धर्म परिवर्तन कराने और जबरन शारीरिक संबंध बनाने का भी आरोप था. पुलिस ने इन दोनों अपराध के लिए भादवि की धारा 295 ए और 376 नहीं लगायी. जबरन शारीरिक संबंध बनाने का आरोप दुष्कर्म की श्रेणी में आता है. मामले ने जब तूल पकड़ा, तो दो-तीन दिन बाद पुलिस ने कोर्ट से धर्म परिवर्तन के आरोप की धारा प्राथमिकी में जोड़ने का आग्रह किया. साफ है तारा को बंधक बनाये जाने की सूचना पर तो पुलिस ने तत्परता से कार्रवाई की, पर बाद में शिथिलता बरती गयी.

घटना के आठ दिन बीतने के बाद भी पुलिस ने ब्लेयर अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी के फुटेज हासिल नहीं किये. पुलिस रंजीत के फ्लैट से जब्त लैपटॉप की जांच नहीं कर सकी. शुरू से ही इस मामले में हाई प्रोफाइल लोगों के शामिल होने और काम निकालने के लिए लड़कियों का इस्तेमाल करने की बात सामने आ रही है.

मंत्री, बड़े आइपीएस-आइएफएस अधिकारी और कोर्ट से जुड़े अधिकारी के नाम चर्चा में हैं. रंजीत स्वीकार भी कर चुका है कि उसका संबंध बड़े अफसरों से है, मंत्री-अफसर उसके घर आते-जाते हैं. रंजीत का सिर्फ पांच साल में अमीर बनने, ब्लेयर अपार्टमेंट में रहने के बाद भी अशोक नगर व अशोक विहार में किराये पर मकान लेने और एक होटल में कमरा हमेशा बुक रखने से यह बात तो साफ है कि वह गलत कार्यो में लिप्त था. उसने कम समय में ही अकूत संपत्ति अजिर्त की है. बड़े अफसर उसके मददगार हैं और वह पुलिस की जांच को प्रभावित करने की क्षमता रखता है. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि रंजीत को बचाने की कोशिश हो रही है.

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