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झारखंड: सरायकेला में मिला यूरेनियम का नया भंडार

।। ब्रजेश सिंह ।। जमशेदपुर : देश को परमाणु क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रहे यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसील) ने सरायकेला में यूरेनियम के नये भंडार का पता लगाया है. यूसील ने उत्खनन के लिए सरायकेला-खरसावां के खनन कार्यालय के जरिये राज्य सरकार से अनुमति मांगी है. यूसील के […]

।। ब्रजेश सिंह ।।

जमशेदपुर : देश को परमाणु क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रहे यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसील) ने सरायकेला में यूरेनियम के नये भंडार का पता लगाया है. यूसील ने उत्खनन के लिए सरायकेला-खरसावां के खनन कार्यालय के जरिये राज्य सरकार से अनुमति मांगी है.

यूसील के अनुसार, सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया प्रखंड के माहुलडीह इलाके में यूरेनियम का भंडार है. इस इलाके में उत्खनन किया जाना है. यहां अंडर ग्राउंड माइंस होगी. यूसील के अध्ययन के मुताबिक अगर 100 फीसदी क्षमता का उपयोग हुआ, तो हर दिन 500 टन यूरेनियम का उत्पादन हो सकता है. यूसील प्रबंधन के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के कुद्दापाह जिले में बड़े पैमाने पर यूरेनियम का भंडार मिला है. यहां उत्खनन के लिए आंध्र प्रदेश सरकार से मंजूरी मिल गयी है.

यहां कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है. आंध्र प्रदेश के लंबापुर में भी एक यूरेनियम प्रोजेक्ट चल रहा है. इसके तहत वहां भी ओपेन पिट माइंस के जरिये उत्खनन किया जा रहा है. नालगोंडा जिले के लंबापुर और पेद्दागुट्टू क्षेत्र में विस्तार किया जा रहा है. मेघालय स्थित मावताहबाह के क्येलेंग के आसपास इलाके में इसका विस्तार होगा. किलुंग और रंगम के पश्चिमी खासी हिल्स में नया उत्खनन का कार्य किया जायेगा, जिसके लिए व्यापक कदम उठाया गया है.

* माहुलडीह एरिया में पहले से हो रहा उत्खनन

माहुलडीह एरिया में पहले से ही उत्खनन का कार्य संचालित हो रहा है. करीब तीन साल से यह प्रक्रिया चल रही है. लेकिन हाल के दिनों में यहां नया भंडार मिला है, जहां उत्खनन करने की इजाजत मांगी गयी है.

* क्या है यूसील की योजना

अंडर ग्राउंड माइंस के जरिये यूरेनियम निकाला जायेगा. यूसील ट्रैक के बगैर ही डंपिंग करेगा. इलेक्ट्रिकल हाइड्रोलिक ड्रील, डीजल ट्रैक्शन और डंप ट्रक के माध्यम से यूरेनियम का ट्रांस्पोर्टेशन होगा. माहुलडीह माइंस से उत्खनन के बाद यूरेनियम को तुरामडीह माइंस लाया जायेगा. माहुलडीह से तुरामडीह माइंस की दूरी करीब सात किलोमीटर है. इसमें इंट्री पांच मीटर चौड़ी और 4.5 मीटर ऊंची सुरंग से होगी.

* 25 साल से अधिक का डिपोजिट : प्रबंधन

खदान मिलने के बाद से प्री प्रोजेक्ट की तैयारी क्षेत्र में चल रही है. आनेवाले दिनों में जैसे ही क्लियरेंस मिल जायेगा, हमलोग उत्खनन का काम शुरू कर देंगे. अनुमान के मुताबिक, हर दिन 500 टन का यूरेनियम उत्खनन होगा. यहां करीब 25 साल तक का यूरेनियम भंडार है. इसकी क्वालिटी भी बेहतर है. खदान के जरिये से आसपास के गांवों का भी निश्चित रूप से विकास हो सकेगा.

पिनाकी राय, प्रवक्ता, यूसील प्रबंधन

* प्रस्ताव सरकार के पास भेजा जा रहा है

माहुलडीह में उत्खनन के लिए प्रस्ताव आया है. इसे देखने के बाद राज्य सरकार के पास भेजा जा रहा है, जिसके बाद ही उत्खनन किया जा सकता है. यह क्षेत्र पोटका से सटा है.

रत्नेश सिन्हा, माइनिंग ऑफिसर, सरायकेला-खरसावां

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