रांची : झारखंड में वर्ष 2013 में शहीद जवानों के पेट में बम प्लांट करने वाला भाकपा माओवादी का पोलित ब्यूरो एवं पीएलजीए का सदस्य अरविंद जी मारा गया. मूल रूप से बिहार के जहानाबाद का रहने वाला यह क्रूर और खूंखार नक्सली नेता पुलिस की बढ़ती दबिश के कारण बिहार से भाग गया था. गया के रास्ते चतरा होते हुए वह लातेहार जिला के मनिका थाना क्षेत्र के कुमंडीह जंगल पहुंचा. झारखंड में उसने खूब उत्पात मचाया. पुलिस बलों पर ताबड़तोड़ हमले किये. उसकी वजह से पुलिस और सुरक्षा बलों को भारी नुकसान उठाना पड़ा.
इसे भी पढ़ें : झारखंड में शहीद जवान के पेट में बम प्लांट करने का आरोपी नक्सली गिरफ्तार
मुठभेड़ में 11 जवान शहीद हो गये, तो उनमें से चार जवानों के पेट में बम प्लांट करने की सोच भी इसी शातिर नक्सली के दिमाग की उपज थी. नक्सलियों की कोशिश थी कि जब घटनास्थल से जवान के मृत शरीर को उठाया जाये, तो वहां फिर धमाका हो और ज्यादा संख्या में लोग मारे जायें. एक जवान के शव का पोस्टमार्टम हुआ, तो इस बात का खुलासा हुआ. डॉक्टरों को शव के अंदर बम प्लांट किये जाने का अंदेशा तब हुआ, जब इनमें से एक जवान के शरीर के ऊपर स्टिच देखे गये.
संदेह गहराया, तो शव का एक्स-रे किया गया.इसी से साफ हुआ कि मृत जवान के शरीर के अंदर तारों से युक्त डिवाइस लगे हैं. इसके तुरंत बाद बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वायड को बुलाया गया और उन्होंने इस डिवाइस को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला. मरने वाले के शरीर में बम प्लांट करने की ऐसीक्रूर और घृणित घटना के बारे में इससे पहले कभी नहीं सुना गया. इस मामले में लातेहार पुलिस ने पूरे दस्ते पर दो मुकदमे दर्ज किये थे.
इसे भी पढ़ें : बेटा, भतीजा संग मारा गया माओवादी अनुराग
इस घृणित घटना को अंजाम दिये जाने के बाद ही झारखंड पुलिस ने इस खूंखार नक्सली दस्ते को खत्म करने की रणनीति पर काम करना शुरू किया और अपनी कार्रवाई तेज कर दी. पुलिस की दबिश की वजह से ही अरविंद और उसके सहयोगी लातेहार से नहीं निकल पाये. यही वजह रही कि बूढ़ा पहाड़ को ही उसने अपना ठिकाना बना लिया.