रांची: लोकसभा चुनाव के दिन 24 अप्रैल को दुमका के शिकारीपाड़ा में हुए नक्सली हमले में पांच जवान सहित आठ लोगों की मौत को लेकर डीजीपी राजीव कुमार ने सरकार को रिपोर्ट सौंपी है. उन्होंने दुमका एसपी निर्मल कुमार मिश्र को निलंबित करने की अनुशंसा की है. दुमका के डीसी हर्ष मंगला के खिलाफ भी कार्रवाई करने की अनुशंसा की है.
डीजीपी की रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव के दौरान जिलों में फोर्स की प्रतिनियुक्ति डीसी और एसपी दोनों मिल कर करते हैं. इसलिए दुमका में फोर्स की प्रतिनियुक्ति में हुई गड़बड़ी के लिए वहां के एसपी और डीसी दोनों जिम्मेदार हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव के दौरान सेक्टरल मजिस्ट्रेट को वाहन और फोर्स उपलब्ध कराना और वाहन से नक्सल प्रभावित इलाकों में घूमना आत्मघाती था. डीजीपी के अनुसार, नक्सली हमले के बाद घटना और विभिन्न स्नेतों से प्राप्त सूचनाओं की समीक्षा की गयी. इसमें पाया गया कि स्पष्ट सूचना रहने के बाद भी पुलिस की ओर से नक्सलियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी. तय मापदंड के मुताबिक बूथों का वर्गीकरण नहीं किया गया. सामान्य श्रेणी के बूथों को संवेदनशील और अतिसंवेदनशील को सामान्य बूथ बनाया गया. इस कारण जिले को उपलब्ध कराये गये अर्धसैनिक बलों (32 कंपनी) का सही इस्तेमाल नहीं किया गया. एक और गड़बड़ी यह की गयी कि सामान्य श्रेणी के बूथों पर सीआरपीएफ के जवानों को तैनात कर दिया गया. इसके विपरीत नक्सल प्रभावित इलाकों के बूथों पर जिल पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया.
क्या थी घटना : 24 अप्रैल को दुमका के शिकारीपाड़ा में बूथ नं 100 व 101 से वोट करा कर लौट रही पोलिंग पार्टी के दो वाहनों (बस व टाटा मैजिक) पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. पांच पुलिसकर्मी, दो मतदान कर्मी और एक वाहन के खलासी की मौत हो गयी थी. नौ लोग घायल हो गये थे.नक्सलियों ने पुलिस की पांच इनसास लूट ली थी.