ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि जिस प्रकार हम ग्रामीणों का परिवार उग्रवाद एवं अपराध के कारण प्रभावित होता है, उसी प्रकार अब उग्रवादियों एवं अपराधियों के परिवार भी प्रभावित होंगे.
उग्रवादियों एवं अपराधियों के साथ-साथ उनके परिजनों को भी अब ग्रामीणों का कोपभाजन बनना पड़ेगा. बैठक में चर्चा करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि 2012 से 2015 तक क्षेत्र उग्रवाद एवं अपराध के कारण काफी अशांत रहा था. ग्रामीणों एवं प्रशासन के सामूहिक प्रयास के कारण विगत डेढ़-दो साल से क्षेत्र में शांति कायम हुई, लेकिन अब पुन: कुछ असामाजिक तत्व सक्रिय हो गये हैं, जिन्हें बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बैठक में मुस्तफा अंसारी, विष्णु महतो, रामेश्वर महतो, बलराम मुंडा, अहमद अंसारी, गुलजार अंसारी, नाजिर अंसारी, युसुफ अंसारी, हाशिम अंसारी, इमामन अंसारी, बसारत अंसारी सहित आसपास के ग्रामीण उपस्थित थे.