टुंडी: झारखंड आंदोलन की शुरुआत टुंडी की धरती से तब हुई थी, जब हमलोग काफी छोटे थे. गुरुजी और बिनोद बाबू ने पैदल चल कर गांव-गांव में आंदोलन की भूमिका तैयार की थी.
इसी टुंडी की धरती से लोगों ने शहादत दी, जिसके कारण अलग झारखंड राज्य बना. उन्हीं शहीदों के सपने को साकार करने में हमारी सरकार जुटी हुई है. उक्त बातें राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूर्वी टुंडी के शहरपुरा मैदान में गिरिडीह लोकसभा क्षेत्र से यूपीए समर्थित झामुमो प्रत्याशी जगरनाथ महतो के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कही.
उन्होंने ने कहा कि चुनाव बाद 60 वर्ष से ऊपर के सभी पुरुष-महिला को वृद्धा पेंशन का लाभ दिया जायेगा. इस्ट बसुरिया में उन्होंने कहा कि कोयला कंपनी ने मूलवासी व स्थानीय लोगों की 50 हजार एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है. इसका 20 हजार करोड़ राजस्व कोल इंडिया के पास झारखंड सरकार का बकाया है. यह राशि मिल जाये, तो झारखंड का कायाकल्प हो सकता है.