मधुबनी. पड़ोसी देश नेपाल के जनकपुर धाम में सात दिवसीय विवाह पंचमी महोत्सव 23 नवंबर दिन बुधवार से भगवान श्रीराम का नगर भ्रमण कार्यक्रम के साथ ही शुरू हो गया. महोत्सव में भाग लेने के लिए देश विदेश से श्रद्धालुओं का जुटना भी शुरू हो गया है. विवाह पंचमी को लेकर जनकपुर धाम का वातावरण भी भक्तिमय बना हुआ है. भगवान श्रीराम व माता सीता की पारंपरिक मैथिली विवाह गीतों से जानकी मंदिर परिसर गुंजयमान होने लगा है. महोत्सव को लेकर जानकी मंदिर को फूलमाला व एलईडी लाइटों से सजाया गया है. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी देश विदेश से महोत्सव में लाखों श्रद्धालुओं के भाग लेने का कयास लगाया जा रहा है. जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत राम रोशन दास ने कहा कि पारंपरिक तरीके से श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा. इसके लिए सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है.
जानकी मंदिर प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, 23 नवंबर दिन बुधवार की संध्या चार बजे जानकी मंदिर प्रांगण में भगवान राम का नगर भ्रमण, 24 को संध्या 4 बजे श्रीराम-जानकी विवाह मंडप के प्रांगण में फूलवारी लीला, 25 को संध्या पांच बजे जानकी मंदिर प्रांगण में धनुष यज्ञ, 26 को दोपहर एक बजे श्रीराम मंदिर परिसर में भगवान का तिलकोत्सव कार्यक्रम, 27 को तीन बजे पवित्र गंगा सागर तालाब में जानकी जी का मटकोर कार्यक्रम एवं 28 नवंबर सोमवार को दिन के एक बजे रंगभूमि मैदान में धनुष यज्ञ कार्यक्रम के बाद शाम छह बजे से जानकी मंदिर प्रांगण में भगवान श्रीराम-जानकी का शुभ विवाह कार्यक्रम आयोजित होगी. उसके बाद अगले दिन मंगलवार दोपहर एक बजे से जानकी मंदिर प्रांगण में राम कलेवा के बाद सात दिवसीय श्रीराम जानकी विवाह महोत्सव का समापन हो जाएगा.
महंत ने कहा कि महोत्सव में अयोध्या राम जन्मभूमि तीर्थ बोर्ड के तीन सदस्यीय टीम भाग लेंगे. साथ ही अनौपचारिक रूप से बाराती बनकर सैकड़ों की संख्या में साधु-महात्मा पधार रहे है. वहीं भारत व नेपाल के कई मंत्री का आगमन भी संभावित है. सभी अतिथियों का स्वागत भव्य तरीके से किया जाएगा. उन्होंने भारत नेपाल दोनों देशों के नागरिकों से इस महोत्सव में भाग लेकर पुण्य की भागीदारी बनने का अपील की.
विश्व हिन्दू परिषद सीमांचल योजना के अध्यक्ष ललित झा ने कहा कि विवाह पंचमी महोत्सव समापन के बाद 29 नवंबर की शाम को जानकी मंदिर परिसर में विश्व हिन्दू परिषद की ओर से मिथिला परंपरा के अनुसार 25 जोड़ी वर-वधू की शादी करायी जाएगी. जिसका पूरा खर्चा विश्व हिंदू परिषद ही उठायेगा. इन 25 जोड़ी की सामूहिक विवाह की सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है.