लालगंज : नगर पंचायत क्षेत्र के मनकामेश्वर मंदिर परिसर में कार्तिक पूर्णिमा के दिन से 15 दिन के लिए लगने वाले लकड़ी के सामान के मेले पर नोट बंदी का बुरा असर पड़ा है. जहां मेला में आये लकड़ी व्यावसाइयों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस संबंध में लकड़ी व्यवसायी गोरौल निवासी विनोद ठाकुर ने बताया कि मेले में जिले के कोने-कोने से लकड़ी व्यापारी सामान बेचने के लिए आते हैं और मेले में सामान का निर्माण भी करते हैं. जहां सामान की अच्छी बिक्री होती थी. परंतु इस वर्ष 1000 एवं 500 के नोट के बंद हो जाने के कारण लकड़ी व्यवसाय पर बहुत बुरा असर पड़ा है.
एक भी ग्राहक फर्नीचर खरीदने नहीं आ रहे हैं. जबकि अभी शादी विवाह का अवसर है. गोढ़िया निवासी गुड्डू शर्मा, प्रतापटांड़ निवासी कमल ठाकुर आदि ने बताया कि 15 दिन तक लगने वाले इस मेले में प्रत्येक दिन कम से कम एक पलंग दो बिक ही जाता था, परंतु अब मेला समाप्त होने को है परंतु अब तक मेरा एक भी पलंग नहीं बिक पाया है. अन्य व्यवसाइयों ने बताया कि हमारी भी वही समस्या है. जबकि हमारे फर्नीचरों का कोई ज्यादा दाम नहीं है. हम मेला के ख्याल से फर्नीचर का निर्माण करते हैं. और लकड़ी के भाव में ही फर्नीचर बेचा करते हैं. परंतु इस बार की स्थिति ऐसी है कि हमारा उत्पाद बिल्कुल भी नहीं बिक पाया जिससे हमारी पूंजी फंस गई है और हम बहुत घाटे में जा रहे हैं.