मातृ-शिशु वार्ड के लिए 50 लाख की मंजूरी खबर छपने के बाद डीएम ने लिया था संज्ञान
प्रभात खबर ने रोगियों की इस समस्या को प्रमुखता से सामने लाया था. अखबार में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी रचना पाटील ने दवा वितरण केंद्र के परिसर में शेड बनाने का आदेश दिया था. इसके बाद इस पर काम शुरू हुआ था़
योजना को मिली स्वीकृति
50 लाख रुपये की लागत से 50 बेड के लेबर वार्ड के निर्माण की योजना को स्वीकृति मिल चुकी है. राशि के अभाव में काम शुरू नहीं हुआ है. आवंटन मिलने वाला है, मिलते ही काम शुरू हो जायेगा.
मणि भूषण झा, डीपीएम, जिला स्वास्थ्य समिति
पांच लाख की लागत से बना शेड
सदर अस्पताल के दवा वितरण केंद्र परिसर में शेड का निर्माण हो जाने से मरीज काफी राहत महसूस कर रहे हैं. लगभग पांच लाख रुपये की लागत से दवा वितरण केंद्र से लेकर इमरजेंसी वार्ड के बरामदे तक शेड लगाये गये हैं. अस्पताल में दवा के लिए घंटों तक बाहर खड़े रह कर बीमार मरीजों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था. शेड का बनना ऐसे मरीजों के लिए काफी उपयोगी साबित हुआ है.
प्रस्ताव को मिल चुकी है हरी झंडी
हाजीपुर : सदर अस्पताल की मातृ शिशु इकाई यानी प्रसव यूनिट में अब बेडों की कमी नहीं रहेगी. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 50 लाख रुपये की लागत से 50 बेड का लेबर वार्ड बनाने की योजना स्वीकृत की गयी है. इस योजना के तहत अस्पताल परिसर स्थित लेबर वार्ड का विस्तार किया जायेगा. मालूम हो कि लेबर वार्ड में अभी कुल मिलाकर 30 बेड हैं. यहां हमेशा बेड की समस्या बनी रहती है. बेड के अभाव में प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं को नीचे फर्श पर सोने की नौबत आती रहती है.
इस समस्या को दूर करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति ने मातृ शिशु इकाई का दायरा बढ़ाने और 50 बेड का अतिरिक्त वार्ड बनाने का प्रस्ताव राज्य स्वास्थ्य समिति के यहां भेजा था. इस पर लगभग 50 लाख रुपये खर्च होने हैं. राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से इस प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए दिल्ली भेजा गया था. वहां से भी इस प्रस्ताव को हरी झंडी मिल चुकी है. स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम मणिभूषण झा ने बताया कि लेबर वार्ड की योजना को स्वीकृति मिल चुकी है. राशि का आवंटन होते ही इस पर काम शुरू हो जायेगा. 50 बेडेड वार्ड का निर्माण हो जाने से सदर अस्पताल की मातृ शिशु इकाई की क्षमता 80 बेडों की हो जायेगी. तब इस यूनिट में बेड की समस्या दूर हो जायेगी.