हाजीपुर : स्थानीय गांधी आश्रम स्थित गांधी स्मारक पुस्तकालय में पुस्तकालय के कार्यकारी अध्यक्ष डाॅ शैलेंद्र राकेश की अध्यक्षता एवं मेदिनी कुमार मेनन के संचालन में आयोजित मासांत कविगोष्ठी में काव्य रसधारा बहती रही. पुस्तकालय सचिव भोलानाथ ठाकुर के स्वागत संबोधन के बाद कविता का प्रथम प्रवाह युवा कवि नारायण प्रसाद मालवीय की बज्जिका कविता ‘कठपुतली हती तोहर की हती शतरंज के कवनों गोटी’ के पाठ से हुआ.
बज्जिका कविता के मनोमुग्धकारी प्रवाह में श्रोता निमग्न थे ही कि युवा कवि सत्येंद्र कुमार की कविता ‘विपत्ति जीत का पैगाम लेकर आती है, मृत्यु जिंदगी का विराम लेकर नहीं आती’ को श्रोताओं ने खूब सराहा. वरिष्ठ कवि एव कहानीकार विनय कृष्ण ‘काले बादल’ की कविता ‘नन्हा सा पैर, छोटा हाथ’ में बाल मनोमुग्धकारी कविता सुना कर वातावरण को रससिक्त कर दिया. कविवर महेश राय ने अपनी कविता शीर्षक’वतन’ तथा ‘मिलन’ सुना कर प्रचुर तालियां बटोरीं.
वरिष्ठ कवि उमाशंकर उपेक्षित की कविता ‘बुने व्यथाएं बना के चादर, ओढ़ के पथ पर सो जायें’ से मन की कोमलता को झकझोर कर रख दिया. अभी तालियां गूंज ही रही थी कि गजलकार एवं रंग निर्देशक मनोरंजन वर्मा ने ‘किसी नदी के चलें किनारे, चांद को देखें पानी के दर्पण में’ सुना कर प्रकृति की हृदयग्राही रस सिन्ग्धता से भाव-विमुग्ध कर दिया. इसी बीच चुनावी मौसम पर युवा कवि मेदिनी कुमार मेनन ने सामयिक प्रांजल दोहात्मक कवितायें ‘नेताजी संयम रखें. बनता इससे काज, मर्यादा खोकर मिले तो विषाक्त यह ताज’ तथा ‘घड़ी चुनावी आ गयी, होना है मतदान, लोकतंत्र के रोग का मिल कर करें निदान’ सुना कर चुनाव की अंतर तम्यक राष्ट्रीयता को रेखांकित किया. श्रोताओं में प्रमुख किशोरी प्रसन्न सिंह आदि थे. कवि अनिल लोदीपुरी गोष्ठी का समापन किया.