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शहर में पार्किग नहीं,कहां लगेंगी गाड़ियां ?
शिद्दत से महसूस की जा रही पार्किग स्थल की जरूरत, नहीं होने से सड़कों पर यत्र-तत्र खड़े किये जाते हैं वाहन सरकारी जमीन के अभाव का दंश ङोल रहे जिला प्रशासन के सामने पटना उच्च न्यायालय के एक निर्णय ने और संकट तब बढ़ा दिया जब उसने अक्षयवट राय स्टेडियम को वाहन पड़ाव के रूप […]
शिद्दत से महसूस की जा रही पार्किग स्थल की जरूरत, नहीं होने से सड़कों पर यत्र-तत्र खड़े किये जाते हैं वाहन
सरकारी जमीन के अभाव का दंश ङोल रहे जिला प्रशासन के सामने पटना उच्च न्यायालय के एक निर्णय ने और संकट तब बढ़ा दिया जब उसने अक्षयवट राय स्टेडियम को वाहन पड़ाव के रूप में उपयोग करने पर रोक लगा दी. जिला प्रशासन के सामने संकट यह है कि वह प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में आनेवाले चरपहिया वाहन के पड़ाव की व्यवस्था कहां करे.
हाजीपुर : कम जगह में बने समाहरणालय एवं व्यवहार न्यायालय परिसर में प्रतिदिन आनेवाले चरपहिया वाहनों से परिसर एवं परिसर की सड़कों पर लगने वाले जाम की स्थिति से निबटने के लिए तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने नागरिकों से प्राप्त सुझाव एवं जिला पदाधिकारी के परामर्श से अक्षयवट राय स्टेडियम को पड़ाव के रूप में उपयोग करने का आदेश जारी कर इसे सख्ती से लागू भी कराया था, फलत: परिसर में जाम की समस्या समाप्त हो गयी थी और नागरिकों ने राहत महसूस की थी.
क्या है समस्या : जिला एथलेटिक संघ के उपाध्यक्ष रवींद्र सिंह द्वारा पटना उच्च न्यायालय में दाखिल जनहित याचिका सी डब्लू जेसी संख्या- 4460/15 की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायमूर्ति अंजना मिश्र की दो सदस्यीय खंडपीठ ने गत 27 जुलाई के अपने आदेश में स्टेडियम में वाहन पार्किग पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. आदेश के बाद से परिसर की सड़कों पर यत्र-तत्र वाहनों को खड़ा किया जा रहा है, जिससे न केवल आम लोगों को बल्कि पदाधिकारियों को भी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
विदित हो कि स्टेडियम में पड़ाव होने पर बाजार आनेवाले लोग भी यहां अपना वाहन खड़ा कर बाजार चले जाते थे, जो अब बाजार में सड़कों के किनारे वाहन खड़ा कर यातायात में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.
क्या है समाधान : जिला प्रशासन समाहरणालय-व्यवहार न्यायालय परिसर के पास पड़ाव का वैकल्पिक इंतजाम करे या दोनों में से किसी एक परिसर को यहां से दूर ले जाकर एक विभाग दोनों परिसर का उपयोग करे, क्योंकि दोनों परिसर में आनेवाले वाहनों को खड़ा करना आज ही समस्या बन गयी है, तब आनेवाले दिनों में क्या स्थिति होगी, इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
नगर पर्षद भी करे बड़े वाहनों के पड़ाव की व्यवस्था: शहर में आनेवाले चरपहिया वाहनों के पड़ाव के लिए नगर प्रशासन के पास कोई साधन नहीं है और लोग अपना वाहन सड़कों पर खड़ा कर यातायात बाधित कर देते हैं, जिससे नागरिकों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
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