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कहने को निर्मल ग्राम, बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे लोग

समस्या : न पेयजल की समुचित व्यवस्था, न ही शौचालय एक निर्मल ग्राम जहां बुनियादी सुविधाओं के लिए दलितों के दो सौ परिवार तरसते हैं. खुले में शौच करने की विवशता है. आज के दौर में भी शिक्षा से सभी वंचित हैं. रोजगार के अभाव में हर परिवार के सभी सदस्य मजदूरी कर अपना जीवन […]

समस्या : न पेयजल की समुचित व्यवस्था, न ही शौचालय
एक निर्मल ग्राम जहां बुनियादी सुविधाओं के लिए दलितों के दो सौ परिवार तरसते हैं. खुले में शौच करने की विवशता है. आज के दौर में भी शिक्षा से सभी वंचित हैं. रोजगार के अभाव में हर परिवार के सभी सदस्य मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं. कुएं का दूषित पानी पीने के लिए उपयोग किया जाता है. प्रशासनिक उपेक्षा के कारण इस दलित बस्ती का विकास नहीं हो रहा है.
हाजीपुर : राजापाकर प्रखंड के रामपुर रत्नाकर उर्फ सरसई गांव को कई वर्ष पहले आदर्श एवं निर्मल ग्राम से पुरस्कृत किया गया था. भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आदर्श एवं निर्मल ग्राम का अवार्ड दिये थे. महज कुछ वर्षो बाद ही इस गांव की हकीकत सामने आ गयी. इस पंचायत के वार्ड संख्या चार में दो सौ दलित परिवार हैं, जिनकी जिंदगी पूरी तरह हासिये पर है. यहां के दृश्य से ही बयां करता है कि दलित किस तरह जीवन यापन करते हैं.
दलित बस्ती की मूल समस्या
शुद्ध पेयजल के लिए एक भी चापाकल नहीं है.
90 फीसदी दलित परिवार को इंदिरा आवास योजना से वंचित है.
स्वच्छता अभियान के तहत एक भी शौचालय नहीं बनाया गया.
बीपीएलधारियों को अब तक बिजली का कनेक्शन नहीं दिया गया.
जलजमाव की समस्या बस्ती में स्थायी है.
अधिकतर लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार नहीं मिल पाया.
राज्य सरकार की ओर से अब तक किसी को जमीन नहीं मिली.
शिक्षा से वंचित बच्चे मजदूरी करने को विवश हैं.
अधिकतर परिवार कर्ज में डूबे हैं.
वर्षो से ढिबरी व लालटेन के सहारे रात गुजारनी पड़ती है.
कई लोगों को आज तक बासगीत परचा की रसीद नहीं मिली.
दलितों ने बयां किया अपना दर्द
रविंद्र पासवान ने बताया कि उसने कर्ज लेकर तो अपना घर बना लिया, मगर आज तक उसे इंदिरा आवास योजना की राशि नहीं मिली.
पिंकी देवी ने कहा कि गांव की महिलाओं को खुले में ही शौचालय के लिए जाना पड़ता है. पीने के लिए पानी नहीं है.मुन्नर देवी ने कहा कि मेरी उम्र बीत गयी, लेकिन अब तक मेरी बस्ती में सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है.
गणोश पासवान ने कहा कि हमारे गांव को निर्मल एवं आदर्श ग्राम का पुरस्कार मिल चुका है. लेकिन, अभी हमलोगों का हाल जानवर की तरह है.
देवेंद्र पासवान ने कहा कि विकास की मुख्य धारा से हम लोगों को नहीं जोड़ा जायेगा, तो अगले माह से डीएम ऑफिस के सामने अनिश्चितकालीन धरना देने के लिए हर एक परिवार पहुंचेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
दलित बस्ती के प्रतिनिधिमंडल से मिल कर पूरी बस्ती के हाल से रूबरू होकर वहां की सभी समस्याओं को अविलंब निबटाया जायेगा. इसके लिए अधिकारियों को लगाया जा रहा है. बस्ती के लोगों से अपील है कि धैर्य न खोएं, हर समस्या का समाधान निकाला जायेगा.
विनोद सिंह गुंजियाल, डीएम

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