14 महीने से घर पर ही बैठा है प्रकाश
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सेना के जवान को सता रहा प्रताड़ना का डर
14 महीने से घर पर ही बैठा है प्रकाश सुपौल : वह सेना में भरती हुआ था देश की रक्षा के लिए. उसमें देशभक्ति का जुनून कूट-कूट कर भरा था, लेकिन अब सेना के नाम से भी उसके चेहरे की रंगत उड़ जाती है. उसका आरोप है कि सेना में उससे बूट पॉलिस व चोरी […]
सुपौल : वह सेना में भरती हुआ था देश की रक्षा के लिए. उसमें देशभक्ति का जुनून कूट-कूट कर भरा था, लेकिन अब सेना के नाम से भी उसके चेहरे की रंगत उड़ जाती है. उसका आरोप है कि सेना में उससे बूट पॉलिस व चोरी करने के लिए दबाव दिया जाता था. नतीजा है कि 14 महीने से वह घर पर ही बैठा है. सेना ने नोटिस भेजा, तलब किया. वह गया भी, लेकिन कैंप में प्रवेश के पूर्व ही उसके कदम रुक गये और उसे अपने कदम वापस करने पड़े.
मामला जिले के रतनपुरा थाना क्षेत्र अंतर्गत रतनपुरा वार्ड संख्या 07 निवासी लड्डू लाल स्वर्णकार उर्फ ग्यारह हजार के पुत्र प्रकाश कुमार स्वर्णकार से जुड़ा है. वह अक्तूबर 2014 में यूं तो दशहरा का अवकाश प्राप्त कर घर आया था, लेकिन दोबारा ड्यूटी पर लौटने की उसकी हिम्मत नहीं हुई. हाल ही में जब बीएसएफ जवान तेज बहादुर का वीडियो वायरल हुआ, जिससे सेना के इस जवान को भी हिम्मत मिली. वह कहता है कि उसे भले ही नौकरी से हटा दिया जाये या फिर फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया जाये, साथी जवानों के हक के लिए वह संघर्ष करेगा.
हरियाणा के हिसार में तैनात था जवान : बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत रतनपुरा वार्ड नंबर 07 निवासी प्रकाश कुमार स्वर्णकार को 06 जून 2012 को वह कटिहार से डिस्पैच किया गया. इसके बाद बंगलुरू में उसने 15 माह का प्रशिक्षण प्राप्त किया. हरियाणा के हिसार में पदस्थापित कर दिया गया.
सेना के जवान…
उसने बतौर चालक यहां 533 एसी बटालियन में सितंबर 2014 में योगदान भी कर लिया.
प्रकाश ने आरोप लगाया है कि हरियाणा के हिसार में भले ही उसने बतौर चालक योगदान किया था और उसकी ड्यूटी क्यूआरटी व सप्लाई के लिए लगायी गयी थी. लेकिन वास्तव में उससे कभी उसकी मूल ड्यूटी ली ही नहीं गयी. उसने आरोप लगाया कि सेना के कुछ अधिकारी उससे बूट पॉलिस करवाते थे. अपनी बीवियों के कपड़े धुलवाते थे और भोजन पकवाते थे. इतना ही नहीं आसपास के इलाके में जहां भी निर्माण कार्य होता था, सेना अधिकारी जवानों पर वहां से निर्माण सामग्री चोरी करने का दबाव बनाते थे. इनकार करने पर मारपीट भी की जाती थी.
इनकार किया तो घोषित कर दिया मानसिक रोगी : प्रकाश का आरोप है कि सेना अधिकारियों द्वारा दबाव बना कर उससे कई गलत काम कराये गये. जब उसने ऐसे कार्यों से इनकार किया तो उसे मानसिक रोगी घोषित कर दिया गया. सितंबर 2015 में उसे मानसिक रोगी घोषित करते हुए सेना अधिकारियों ने दिल्ली के मेंटल हॉस्पिटल भेज दिया. जहां उसे 10 दिनों तक रखा गया. बाद में चिकित्सकों ने उसे स्वस्थ करार दिया. इसके बाद उसे पुन: ड्यूटी पर वापस भेज दिया गया, लेकिन इसके बाद उसके साथ दुर्व्यवहार का दौर और तेज हो गया. बात-बात पर उसे प्रताड़ित किया जाने लगा.
तामिला के बाद गया ड्यूटी, फिर लौट आया : प्रकाश के लगातार अवकाश पर रहने के बाद हिसार के सेना अधिकारियों ने कटिहार के अधिकारियों के माध्यम तामिला नोटिस भी भेजा. इसमें थाना के माध्यम से प्रकाश को ड्यूटी पर उपस्थित कराने को कहा गया. इसके बाद वह हरियाणा गया भी, लेकिन हिम्मत हार गया और बिना ड्यूटी ज्वाइन किये ही वह वापस लौट गया. इधर जवान बेटे की नौकरी रहने के बावजूद बेरोजगारी की स्थिति ने पिता लड्डू लाल स्वर्णकार को भी चिंता में डाल दिया है. वह कहते हैं कि ‘बेटा देश के लिए शहीद हो जाता तो गर्व होता. लेकिन उसके साथ जो हुआ है, उसका न्याय तो होना ही चाहिए’. इधर ग्रामीणों की मानें तो नौकरी छोड़ने के बाद से प्रकाश के वैवाहिक संबंधों में भी दरार पड़ने लगी है और ससुराल पक्ष के लोग इससे खुश नहीं हैं.
तेज बहादुर की खबर के बाद बढ़ गया मनोबल : अक्तूबर 2014 में दशहरा के अवकाश पर आया सिपाही एमटी प्रकाश कुमार स्वर्णकार दोबारा लौट कर ड्यूटी पर नहीं पहुंचा है. उसके मन में खौफ इतना था कि वह आस-पड़ोस के लोगों से भी दिल का दर्द साझा नहीं कर पा रहा था, लेकिन हाल ही में जब बीएसएफ जवान तेज बहादुर के वीडियो ने बवाल मचाया, प्रकाश का मनोबल भी बढ़ गया. वह कहता है कि सेना की सभी सुविधाएं अधिकारी ही डकार रहे हैं और तेज बहादुर के आरोप अधिकारियों की मनमर्जी के आगे काफी छोटे हैं. क्योंकि सेना में न केवल भोजन, बल्कि यूनिफॉर्म के मामले में भी अधिकारी घोटाले में लिप्त हैं. नम आखों से वह बार-बार देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से साथी जवानों के लिए न्याय मांग रहा है. प्रकाश कहता है ‘भले ही मेरी नौकरी छीन लो, मुझे फांसी पर लटका दो, लेकिन आरोपों की गंभीरता से जांच हो ’.
बूट पॉलिस व चोरी करने के लिए दबाव दिये जाने का लगाया आरोप
रतनपुरा वार्ड संख्या 07 निवासी प्रकाश कुमार स्वर्णकार ड्यूटी पर लौटने की नहीं जुटा पा रहा हिम्मत
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