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खाली हाथ लौटे अभ्यर्थी
सुपौल : जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक नियोजन 2015 के तहत रविवार को नियुक्ति पत्र मिलने की उम्मीद लगाये अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र से वंचित होना पड़ा. अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद माध्यमिक शिक्षक नियोजन समिति द्वारा नियोजन प्रक्रिया को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है़ हालांकि बिना बीएड किये […]
सुपौल : जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक नियोजन 2015 के तहत रविवार को नियुक्ति पत्र मिलने की उम्मीद लगाये अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र से वंचित होना पड़ा.
अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद माध्यमिक शिक्षक नियोजन समिति द्वारा नियोजन प्रक्रिया को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया है़ हालांकि बिना बीएड किये जिले के विभिन्न विद्यालयों में नियुक्त 20 संगीत शिक्षकों के मामले में अभी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है. संभावना जतायी जा रही है कि एक सप्ताह के भीतर ही इन शिक्षकों के मामले में भी निर्णय लिया जायेगा. यदि ऐसा होता है तो फिर 20 संगीत शिक्षकों को नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है.
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा नियम को ताक पर रख कर 20 संगीत शिक्षकों की नियुक्ति जिले के विभिन्न विद्यालयों में कर दी गयी. वहीं 42 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के लिए रविवार को बुलाया गया था. नियम के विरुद्ध अपनायी गयी नियोजन प्रक्रिया के संबंध में प्रभात खबर द्वारा प्रमुखता के साथ शनिवार के अंक में खबर प्रकाशित की गयी. इसके बाद उक्त प्रक्रिया को स्थगित कर दिया गया है़
नियुक्ति पत्र देने को बुलाया गया था
नियुक्ति पत्र एवं विद्यालय आवंटन की उम्मीद लगाये दर्जनों अभ्यर्थी रविवार को जिला परिषद कार्यालय पहुंचे थे़
यहां लगी सूचना को देख ऐसे अभ्यर्थियों को निराशा हाथ लगी और उन्हें खाली हाथ घर लौटना पड़ा. शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा सरकार के निर्देश एवं विभागीय नियमावली को ताक पर रख कर बिना बीएड उतीर्ण अभ्यर्थियों की मेधा सूची तैयार कर पैनल का अनुमोदन कर दिया गया. उच्च माध्यमिक विद्यालयों में बिना बीएड उतीर्ण 20 शिक्षकों की नियुक्ति भी कर दी गयी.
वहीं माध्यमिक विद्यालयों में 42 संगीत शिक्षकों की काउंसेलिंग कर मेधा सूची के अनुमोदन के बाद उन्हें रविवार को विद्यालयों का आवंटन एवं नियुक्ति पत्र देने के लिए बुलाया गया था. इस बीच नियोजन प्रक्रिया स्थगित कर दिये जाने से ऐसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र से वंचित होना पड़ा. वहीं नियम के विरुद्ध जिले के विभिन्न उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त 20 शिक्षकों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है. इस बात को लेकर संबंधित शिक्षकों में बेचैनी देखी जा रही है़
सूत्रों की मानें तो इन 20 सरस्वती के साधकों के नियोजन में लक्ष्मी का जम कर उपयोग हुआ. यही वजह है कि नियम को ताक पर रख कर इनका नियोजन कर दिया गया. अब जब इनके ऊपर कार्रवाई की तलवार लटक रही है, तो इनका परेशान होना स्वाभाविक है.
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