अल्पावास गृह की व्यवस्था पर उठ रहे सवाल लापता युवती बुधवार को पहुंची थी महिला थाने प्रभात फॉलोअप —————प्रतिनिधि, सुपौल अल्पावास गृह से लापता युवती को पुलिस ने गुरुवार को न्यायालय में 164 के बयान के लिए उपस्थित किया. वहीं युवती द्वारा बुधवार को पुलिस के समक्ष अल्पावास गृह के संबंध में किये गये खुलासे से यह स्पष्ट हो गया है कि वहां सब कुछ ठीक नहीं है. हालांकि इस बात को प्रशासनिक अधिकारी भी मानते हैं, लेकिन वर्षों से जारी इस खेल के संबंध में जानकारी रहने के बावजूद आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होना लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. हालांकि प्रशासन के रुख को देख कर इस बार संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई तय मानी जा रही है.भोजन व रहने की नहीं थी समुचित व्यवस्थायुवती द्वारा अल्पावास गृह में पीड़ित महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार के अलावा कई अन्य खुलासे किये गये हैं. युवती के अनुसार अल्पावास गृह में पीड़ित महिलाओं के लिए रहने व खाने की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. विरोध किये जाने पर अधिकारी व कर्मियों द्वारा महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है. युवती ने बताया है कि गृह के संचालक द्वारा कर्मियों को सामान उपलब्ध नहीं कराया जाता है.शिकायत पर नहीं होती कार्रवाई अल्पावास गृह की व्यवस्था को लेकर हमेशा से ही सवाल खड़े किये जाते रहे हैं. 2014 में पब्लिक विजिलेंस कमेटी के सचिव अनिल कुमार सिंह ने तत्कालीन जिला पदाधिकारी से अल्पावास गृह के भीतर व्याप्त कुव्यवस्था की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की थी. डीएम के आदेश पर उप विकास आयुक्त ने अल्पावास गृह जा कर मामले की बिंदुवार जांच की. जांच के दौरान कई प्रकार की अनियमितता उजागर होने के बाद डीडीसी ने डीएम को कार्रवाई के लिए प्रतिवेदित किया. पर, आज तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई. इसके अलावा वर्ष 2015 में तत्कालीन एसडीओ विमल कुमार मंडल ने भी अपने जांच प्रतिवेदन में संचालक एवं आरटीओ रितु कुमारी के विरुद्ध कार्रवाई के लिए प्रतिवेदित किया था. पर, किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई.आदेशपाल को धोना पड़ा नौकरी से हाथडीएम के आदेश पर जांच के लिए पहुंचे उप विकास आयुक्त को जांच के दौरान आदेशपाल रणधीर कुमार ने काफी सहयोग किया. आदेशपाल ने डीडीसी को वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए कई अहम जानकारी दी. इसके आधार पर डीडीसी ने संचालक एवं अन्य के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की थी. पर, कार्रवाई तो नहीं हुई, लेकिन डीडीसी को अल्पावास गृह के अंदर के राज की बात बताने के आरोप में संचालक ने बिना किसी सूचना व स्पष्टीकरण के उसे हटा दिया.कमेटी ने की कार्रवाई की मांग युवती द्वारा अल्पावास गृह के संबंध में किये गये खुलासे के बाद अब संचालक एवं आरटीओ के विरुद्ध कार्रवाई की मांग उठने लगी है. पब्लिक विजिलेंस कमेटी के सचिव अनिल कुमार सिंह ने डीएम से दोषी संचालक एवं आरटीओ के विरुद्ध कठोर कार्रवाई का अनुरोध किया है. सचिव श्री सिंह ने कहा है कि बेबस व लाचार महिलाओं को ही अल्पावास गृह में रखा जाता है. पर, उनके साथ पशुवत व्यवहार किया जाना निंदनीय है. उनके द्वारा पूर्व में भी इस बात की लिखित शिकायत जिला प्रशासन से की गयी थी. उस वक्त किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई. पर, युवती द्वारा किये गये खुलासे के बाद जिला प्रशासन को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. मामले की जांच का निर्देश वरीय उप समाहर्ता सुशील कुमार को दिया गया है. जांच प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ है. प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद समुचित कार्रवाई की जायेगी. हरिहर प्रसाद, प्रभारी डीएम
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अल्पावास गृह की व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
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