राज्य सरकार पंचायती राज व्यवस्था को सत्ता संपन्न इकाई के रूप में विकसित करने के बजाय उसे कार्य एजेंसी के रूप में इस्तेमाल कर रही है. 73 वां संविधान संशोधन देश में 1993 में लागू हुआ है लेकिन उप बंधित विभागों व विषयों को पंचायती राज व निकाय को हस्तानांतरित नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि बेलगाम अफसरशाही पंचायती राज को कमजोर कर रही है. वर्तमान चुनाव में समर्थन देने का आह्वान करते कहा कि उन्होंने नेता नहीं बल्कि क्रांतिकारी के तरह जीवन बिताया है. जन मानस की समस्या के समाधान के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा तथा अन्य कई यातनाएं भी सहनी पड़ी.
बावजूद आम लोगों के अधिकार व सम्मान के लिए वे सदैव तत्पर रहे हैं. श्री यादव ने बताया कि चुनाव को लेकर उनका जन संपर्क अभियान निरंतर जारी है. बीते दिनों उन्होंने पिपरा, त्रिवेणीगंज, जदिया, छातापुर आदि का दौरा किया है. महेश्वरी दास की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में हरिहर प्रसाद यादव, अशोक कुमार, विंदेश्वरी यादव, कमलेश्वर मंडल, बिमला देवी, पूजा कुमारी, बेबी कुमारी, सुरेंद्र ठाकुर, रमेश यादव, महेश सरदार, कुलानंद सरदार, सुरेश पासी, राजेंद्र यादव, सुरेश दास आदि मौजूद थे.