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संविदा कर्मियों की हड़ताल से चिकित्सा व्यवस्था चरमरायी, अस्पताल में भटकते रहे मरीज
सुपौल: संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की जारी हड़ताल का असर शनिवार को सदर अस्पताल में स्पष्ट दिखा. मरीज उपचार सहित अन्य कार्यो के लिए इधर से उधर भटकते नजर आये. संविदा कर्मियों के हड़ताल पर रहने के कारण जहां मरीजों को परेशानी हो रही है, वहीं राष्ट्रीय कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहा है. हालांकि जिला प्रशासन […]
सुपौल: संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की जारी हड़ताल का असर शनिवार को सदर अस्पताल में स्पष्ट दिखा. मरीज उपचार सहित अन्य कार्यो के लिए इधर से उधर भटकते नजर आये. संविदा कर्मियों के हड़ताल पर रहने के कारण जहां मरीजों को परेशानी हो रही है, वहीं राष्ट्रीय कार्यक्रम भी प्रभावित हो रहा है. हालांकि जिला प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तहत हड़ताली कर्मियों के स्थान पर आइटी सहायकों को प्रतिनियुक्त कर लोगों को राहत देने का प्रयास किया गया, लेकिन जानकारी के अभाव में आइटी सहायकों को कार्य निष्पादन में परेशानी हो रही है.
राष्ट्रीय कार्यक्रम हो रहा प्रभावित : संविदा कर्मियों के हड़ताल पर रहने का सबसे अधिक असर राष्ट्रीय कार्यक्रम पर पड़ रहा है. हड़ताल के कारण जहां जननी एवं बाल सुरक्षा योजना तथा परिवार नियोजन के तहत लाभुकों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. वहीं जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने में भी परेशानी हो रही है. सबसे अधिक टीकाकरण का कार्य प्रभावित हो रहा है. टीकाकरण कार्य में लगे कुरियर के हड़ताल में शामिल रहने के कारण दवा का उठाव नहीं हो रहा है. वहीं एएनएम के हड़ताल पर रहने से टीकाकरण का कार्य बंद है.
वैकल्पिक व्यवस्था नाकाफी : हड़ताल के मद्देनजर सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा लोगों को राहत प्रदान करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है, जो नाकाफी है. सदर अस्पताल में पुरजा काटने के लिए आइटी सहायक को लगाया गया है. इसी प्रकार दवा काउंटर पर एक एवं पैथोलॉजी में एक कर्मी को लगाया गया है. पर, मरीजों की संख्या को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था से राहत नहीं मिल रही है.
छातापुर प्रतिनिधि के अनुसार, हड़ताल से खास कर शून्य से दो वर्ष के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर ले जा कर टीकाकरण किये जाने का कार्य प्रभावित हो रहा है. हड़ताल के कारण आउटडोर में महिला कर्मियों की उपस्थिति नहीं रहने से महिला मरीजों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. प्रबंधन द्वारा एक मात्र पुरुष कर्मी की मदद से आउटडोर एवं इमरजेंसी सेवा उपलब्ध करायी जा रही है.
त्रिवेणीगंज प्रतिनिधि के अनुसार, रेफरल अस्पताल पहुंचने वाले प्रसूताओं को हड़ताल का सबसे अधिक खामियाजा उठाना पड़ रहा है. नियमित एएनएम के सहारे ही प्रसव कार्य संपादित हो रहा है. वहीं अंत: कक्ष में भरती रोगियों को समुचित सेवा नहीं मिल पा रही है. हड़ताल के कारण नियमित टीकाकरण कार्यक्रम भी ठप है.
पिपरा प्रतिनिधि के अनुसार, हड़ताल से पीएचसी व एपीएचसी में चिकित्सा सेवा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. वीएचएम, लेखापाल, कंप्यूटर ऑपरेटर, कूरियर सहित आशा, ममता व एएनएम के हड़ताल से अस्पताल का कार्य प्रभावित हो रहा है. विशेष रूप से प्रसूताओं को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. प्रसव कार्य मूल रूप से नियमित एएनएम द्वारा ही संपादित हो रहा है. हड़ताल से टीकाकरण अभियान भी बाधित होने की संभावना है.
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