फोटो-05,08कैप्सन- प्रवचन करती साध्वी व परिक्रमा करते श्रद्धालु प्रतिनिधि, त्रिवेणीगंज गायत्री शक्तिपीठ डपरखा परिसर में चार दिवसीय 108 गायत्री महायज्ञ के अंतिम दिन बुधवार को समापन प्रवचन में शांतिकुंज हरिद्वार से पधारी टोली नायिका दीना त्रिवेदी ने गायत्री परिवार के सप्त सूत्री आंदोलन पर चर्चा करते कहा कि सप्त सूत्री आंदोलन में साधना, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, स्वावलंबन, कुरीति उन्मूलन एवं नारी जागरण है. जब हम सुधरेंगे, तो जग सुधरेगा. साधना का मतलब जीवन की साधना से है, जिसका आशय मनुष्य की बिगड़ी आदत को सुधारना है. इंद्रिय संयम से ही व्यक्ति का निर्माण होता है. इश्वर ने जो इंद्रियां दी हैं, मनुष्य को उन इंद्रियों पर संयम बरतना चाहिए और इसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए. पर्यावरण के क्षेत्र में नदियों का शुद्धिकरण आवश्यक है. पर्यावरण को संतुलित बनाये रखने के लिए पौधरोपण भी अनिवार्य है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में आयुर्वेदिक औषधि एवं योग क्रिया के लिए स्वास्थ्य जागरूकता पर जोर दिया. शराब और दहेज जैसी कुरीतियां देश को खोखला कर रही हैं. शांतिकुंज हरिद्वार की टोली की मंदाकिनी तिवारी, दिव्या साहू, रामेश्वरी साहू, मीना गोठिया ने भजन प्रस्तुत किया. इससे पूर्व 108 कुंडलीय यज्ञ शाला में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं ने हवन-आहूति दी एवं यज्ञ शाला की परिक्रमा की.
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हम सुधरेंगे, जग सुधरेगा: साध्वी दीना
फोटो-05,08कैप्सन- प्रवचन करती साध्वी व परिक्रमा करते श्रद्धालु प्रतिनिधि, त्रिवेणीगंज गायत्री शक्तिपीठ डपरखा परिसर में चार दिवसीय 108 गायत्री महायज्ञ के अंतिम दिन बुधवार को समापन प्रवचन में शांतिकुंज हरिद्वार से पधारी टोली नायिका दीना त्रिवेदी ने गायत्री परिवार के सप्त सूत्री आंदोलन पर चर्चा करते कहा कि सप्त सूत्री आंदोलन में साधना, शिक्षा, स्वास्थ्य, […]
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