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अनशन पर मिलता है आश्वासन,नहीं होती है कार्रवाई, शिक्षकों में आक्रोश

सातवें वेतनमान के लिये ठोस पहल करें, नहीं तो शिक्षक करेंगे आंदोलन: पंकज शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ शिक्षक हो रहे गोलबंद सुपौल : शिक्षकों की समस्याओं के निदान की दिशा में स्थानीय शिक्षा कार्यालय उदासीन बना हुआ है. इसे लेकर शिक्षकों में आक्रोश की स्थिति देखी जा रही है. स्थानीय अधिकारियों की स्थिति पर गौर […]

सातवें वेतनमान के लिये ठोस पहल करें, नहीं तो शिक्षक करेंगे आंदोलन: पंकज

शिक्षा अधिकारियों के खिलाफ शिक्षक हो रहे गोलबंद
सुपौल : शिक्षकों की समस्याओं के निदान की दिशा में स्थानीय शिक्षा कार्यालय उदासीन बना हुआ है. इसे लेकर शिक्षकों में आक्रोश की स्थिति देखी जा रही है. स्थानीय अधिकारियों की स्थिति पर गौर करें तो विभागीय अधिसूचना जारी किये जाने के बाद भी इस दिशा में ससमय पहल नहीं किया जा रहा है. मालूम हो कि बीते वर्ष सातवें वेतनमान के अनुरूप शिक्षकों का वेतन निर्धारण किये जाने हेतु सरकार व विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गयी. जहां विभागीय अधिसूचना के बाबत जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा सभी बीआरसी को निर्देश दिया गया कि वे ससमय विभागीय अधिसूचना अनुरूप कार्यों का निष्पादन करें. ताकि शिक्षकों को विभागीय मानक अनुरूप वेतन उपलब्ध करायी जा सके. लेकिन जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा जारी आदेश प्रखंड स्तरीय शिक्षा अधिकारियों के लिए बेअसर साबित हो रहा है.
शिक्षा अधिकारियों के उक्त रवैये से एक तरफ जहां शिक्षक गोलबंद हो रहे हैं. वहीं शिक्षक संघ भी उक्त कार्य के निष्पादन कराने को लेकर काफी सख्त दिख रहा है. हालांकि शिक्षक संघ के कई सदस्य पूर्व में धरना प्रदर्शन से लेकर अनशन पर भी बैठे. जहां जिला प्रशासन के समक्ष शिक्षा कार्यालय के अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया गया कि शिक्षकों के हरेक समस्याओं का निबटारा ससमय कराया जायेगा.
बीआरसी की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
जिले भर में 11 बीआरसी संचालित है. जहां वर्तमान में तकरीबन सात हजार नियोजित शिक्षक कार्यरत हैं. जिनका सातवें वेतन निर्धारण संबंधित संचिका को तैयार किया जाना है. शिक्षाविदों की माने तो बीआरसी केंद्रों पर भ्रष्टाचार को बोलबाला है. बिना चढ़ावा के कोई भी कार्य नहीं किया जाता है. सीआरसीसी, बीआरपी से लेकर बीइओ तक सभी हरेक मामले को सुलझाने के लिए मैनेज पद्धति का सहारा ले रहे हैं. ऐसे में निरीह शिक्षक करे भी तो क्या करे. उच्चाधिकारियों से शिकायत दर्ज कराने पर जांच का कार्य ना तो समुचित तरीके से कराया जाता है. अगर जांच कराया भी गया तो संबंधित पदाधिकारी भी अधिकारियों के बचाव करने में ही लगे रहते हैं.
जिस कारण व्यवस्था बेहतर बनने के बजाय बदतर होता दिख रहा है. शिक्षाविदों ने कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि हरेक बीआरसी में दर्जनों मामले लंबित हैं. साथ ही समुचित तरीके से रुटिन वर्क भी पूरा नहीं हो पा रहा है. इसकी जानकारी जिला शिक्षा कार्यालय को भी है. लेकिन कोई इस दिशा में ध्यान नहीं दे रहे हैं कि कार्यालय में जमा हो रहे फाइलों के बोझ किस तरीके से कम करायी जाय.
शिक्षक करेंगे आंदोलन
संघ के जिला उपाध्यक्ष रोशन कुमार, श्रवण चौधरी व भूपेंद्र यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी दक्षता अनुत्तीर्ण शिक्षकों के वेतन भुगतान में विभागीय पदाधिकारी द्वारा अनावश्यक रूप से विलंब कर आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही है. जिला प्रतिनिधि परमानंद प्रभाकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में 12 जुलाई के न्यायिक संघर्ष को हर कीमत पर जीतने के लिए संघ के सदस्य कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. कहा कि एक सप्ताह के अंदर विभागीय पदाधिकारी द्वारा इस दिशा में ठोस पहल नहीं किया गया,
तो जिले के सभी शिक्षक चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे. उन्होंने सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के 12 ऐसे शिक्षक, जिनको जिला अपीलीय प्राधिकार के आदेश चार साल पूर्व बहाल तो किया गया, लेकिन जान बूझकर आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सरायगढ़-भपटियाही द्वारा अब तक जिला को बिल समर्पित नहीं कराया गया है.
बैठक को सदर प्रखंड अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह, किसनपुर प्रखंड अध्यक्ष राकेश रंजन, मरौना प्रखंड अध्यक्ष मनोज कुमार रजक, सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड अध्यक्ष मनोज मेहता, त्रिवेणीगंज संयोजक नरेंद्र पाल, छातापुर उपाध्यक्ष गुणानंद सिंह, उपाध्यक्ष रूपेश वर्मा, राजेश्वरी संकुल प्रतिनिधि जवाहर कुमार, बसंतपुर मीडिया प्रभारी सुधांशु चौधरी, किसनपुर संयोजक पवन मंडल ने भी संबोधित किया. बैठक में नगर संयोजक निशार अहमद, उपाध्यक्ष प्रेम राय, मीडिया प्रभारी दुर्गेश चौधरी, प्रखंड प्रवक्ता प्रदीप चौधरी, अनुशासन समिति सचिव अजीत सिंह, मरौना संयुक्त सचिव चंद्रमोहन कुमार, मीडिया प्रभारी मनोज कुमार, सुधा कुमारी, सीता कुमारी, अनिता कुमारी, आशा कुमारी, मीना कुमारी, जीवकांत कुमार, अजीत कुमार, खुशबू भर्ती, प्रदीप कुमार, गंगाराम कुमार, पंकज विश्वास, अरुण कुमार, नितेश कुमार, तरुण कुमार, श्याम कुमार, रमेश यादव सहित सैकड़ों शिक्षक मौजूद थे.
संघ के सदस्यों ने किया विमर्श
समान कार्य समान वेतन, वेतन भुगतान, सातवें वेतनमान के अनुरूप सभी शिक्षकों का वेतन निर्धारण, एरियर भुगतान, दक्षता अनुत्तीर्ण शिक्षकों का लंबित वेतन भुगतान, डीपीइ उत्तीर्ण शिक्षकों के प्रमाण पत्र का वितरण सहित अन्य समस्याओं को लेकर बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला इकाई की बैठक जिलाध्यक्ष पंकज कुमार सिंह की अध्यक्षता में जिला उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुपौल में संपन्न हुई.
बैठक को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने कहा कि सातवें वेतनमान के अनुरूप पुनरीक्षित वेतन निर्धारण हेतु विभाग द्वारा लगभग 10 माह पूर्व अधिसूचना जारी होने के बाद भी जिले के शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाना चिंताजनक है. संघ द्वारा निरंतर वेतन निर्धारण की मांग को उठाया जाता रहा है. लेकिन विभागीय पदाधिकारी द्वारा इस दिशा में ठोस पहल नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है.

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