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रेशम के उत्पादन से बढ़ी आमदनी

उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ने की मलवरी परियोजना की समीक्षा बैठक बैठक में परियोजना से लोगों को मिल रहे लाभ की दी गयी जानकारी सुपौल : उद्योग विभाग के प्रधान सचिव के सिद्धार्थ की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित टीसीपी भवन में बुधवार को मुख्यमंत्री कोसी मलवरी परियोजना कार्यशाला सह समीक्षात्मक बैठक हुई. उद्योग विभाग […]

उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ने की मलवरी परियोजना की समीक्षा बैठक

बैठक में परियोजना से लोगों को मिल रहे लाभ की दी गयी जानकारी
सुपौल : उद्योग विभाग के प्रधान सचिव के सिद्धार्थ की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित टीसीपी भवन में बुधवार को मुख्यमंत्री कोसी मलवरी परियोजना कार्यशाला सह समीक्षात्मक बैठक हुई. उद्योग विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि सुपौल समेत कोसी एवं पूर्णिया प्रमंडल के 7 जिलों में मुख्यमंत्री कोसी मलवरी परियोजना तेजी से आगे बढ़ रही है. मलवरी की खेती और रेशम उत्पादन का काम अपनाने वाले परिवारों के घर की आमदनी बढ़ी है.
बैठक में परियोजना की अब तक के उपलब्धियों, चुनौतियों व आगे की कार्य योजना पर विस्तार से चर्चा की. पिछले दो-तीन वर्षों में परियोजना प्रसार में तेजी हुआ है और किसानों में मलवरी की खेती को लेकर रूची बढ़ी है. यदि और अधिक संख्या में किसान मलवरी की खेती से जुड़ेगे तो एक दिन पूरा कोसी क्षेत्र मलवरी रेशम उत्पादन के लिये जाना जायेगा. प्रधान सचिव ने मलवरी परियोजना के तहत किसानों को मिलने वाली सभी तरह की प्रोत्साहन राशि एवं सुविधाओं को जल्द से जल्द पहुंचाने का निर्देश दिया.
वहीं जिलाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने कहा कि कोसी की जमीन और जलवायु मलवरी के लिये काफी उपयुक्त है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र विशेष के लिये यह महत्वपूर्ण योजना शुरू की गयी है. ताकि यहां के किसानों के लिये आय का अतिरिक्त साधन मिल सके. डीएम ने कहा कि जिले में इस परियोजना का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है. 1 हजार किसानों को मलवरी खेती से जोड़ने के लक्ष्य के तहत अब तक 866 किसान इससे जुड़े हैं.
वहीं सहरसा में 509, मधेपुरा में 516, किसनगंज में 693, अररिया में 548, पूर्णिया में 436 तथा कटिहार में 45 किसान मलवरी की खेती से जुड़े हैं. इन किसानों के द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 में अक्तूबर माह तक 70 क्विंटल से अधिक कोकून का उत्पादन किया है. जिसमें किसानों को 14.76 लाख की आमदनी प्राप्त हुई है. कोकून उत्पादन एवं किसानों को प्राप्त होने वाली आय के मामले में सुपौल जिले का सबसे अच्छा प्रदर्शन है. बैठक में सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया व कटिहार के उप विकास आयुक्त, जीविका के जिला
परियोजना प्रबंधक, मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी एवं सहायक उद्योग निदेशक, हस्तकरघा एवं रेशम विभाग के निदेशक साकेत कुमार, सुपौल के जिला परियोजना प्रबंधक अमर शेखर पाठक, कटिहार के जिला परियोजना प्रबंधक राजेंद्र कृष्ण निखिल, जीविका परियोजना प्रबंधक नीरज कुमार सहित अन्य पदाधिकारी व कर्मी मौजूद थे.

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