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पानी तो घटा, अब पशुचारे की किल्लत

परेशानी. फूस के बने घरों की हालत खराब बीते दिनों लगातार हुई बारिश के कारण जल स्तर में वृद्धि से तटबंध के भीतर बसे लोगों के घरों में कोसी का पानी प्रवेश कर गया था. जिसके कारण पानी में डूबने से लोगों का कई बेसकीमती सामान बरबाद हो गया. सुपौल : तटबंध के भीतर कोसी […]

परेशानी. फूस के बने घरों की हालत खराब

बीते दिनों लगातार हुई बारिश के कारण जल स्तर में वृद्धि से तटबंध के भीतर बसे लोगों के घरों में कोसी का पानी प्रवेश कर गया था. जिसके कारण पानी में डूबने से लोगों का कई बेसकीमती सामान बरबाद हो गया.
सुपौल : तटबंध के भीतर कोसी के जल स्तर में कमी आने से लोगों ने थोड़ी राहत की सांस जरूर ली है. लेकिन इससे लोगों की मुसीबतें कम नहीं हुई है. बीते दिनों लगातार हुई बारिश के कारण जल स्तर में वृद्धि से तटबंध के भीतर बसे लोगों के घरों में कोसी का पानी प्रवेश कर गया था. जिसके कारण पानी में डूबने से लोगों का कई बेसकीमती सामान बरबाद हो गया. जिसमें खाद्य सामग्रियों से लेकर पशु का चारा तक सड़-गल गया. जिसके कारण लोगों ने तटबंध के भीतर से ऊंचे स्थानों पर पलायन करना शुरू कर दिया था. अभी भी लोग पूर्वी व पश्चिमी तटबंध पर आ कर अपना बसेरा बनाये हुए है. अब जबकि पानी कमा है
तो लोग अपने-अपने घरों की तरफ रूख कर रहे हैं. लेकिन तटबंध के भीतर अब सबसे बड़ी समस्या लोगों के लिए घर व पशु के चारा का हो गया है. प्रभावित लोगों ने बताया कि बाढ़ का पानी घर में घुसने से पालतु पशु के लिए रखा सारा चारा सड़ गया है. जिसके कारण अब पशुओं के लिए चारा की किल्लत हो गयी है. साथ ही फूंस के बने घरों की हालत भी खराब हो गयी है.
लोगों का कहना है कि घर का हालत ऐसा हो गया है कि कभी भी गिर सकता है. ऐसे में बारिश होने पर लोगों को सर छुपाने की परेशानी है. पशु चारा की किल्लत की वजह से लोग अपने-अपने पशुओं को तटबंध के बाहर अपने रिश्तेदारों के यहां भेज रहे हैं. लोगों ने बताया कि पानी कम होने के बाद स्वास्थ्य से लेकर कई तरह की समस्याएं एक साथ मुंह बाए खड़ी है. जबकि प्रशासन द्वारा प्रभावित लोगों की मदद के लिए कुछ खास नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि प्रशासन लोगों के समस्या के निदान के लिए दावा कर रही है. लेकिन लोग इसे नाकाफी मानते हैं.
तटबंध के भीतर बसे गांवों के लोगों में रोहित कुमार, डोमी मुखिया, मो कलाम, मुकेश कुमार, कपिल कुमार आदि ने बताया कि पानी कम होने के बाद सबसे ज्यादा परेशानी लोगों को आशियाने, स्वास्थ्य संबंधी समस्या व पशु चारा के लिये उठानी पड़ रही है. लोगों का कहना है जल स्तर में अप्रत्याशित हुई वृद्धि के बाद कोसी का पानी घर में घुस गया था. जिसके कारण घर में रखा सारा समान सड़ कर बरबाद हो गया. जिसके बाद खाने के लिए कोई भी अनाज नहीं बचा है जिससे भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. इसके बावजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. साथ ही फूंस का घर भी पानी की वजह से गिरने के कगार पर है. बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाया गया मेडिकल कैंप भी लोगों के हिसाब से कम है.
लोगों की चिकित्सीय सुविधा के लिए किसनपुर प्रखंड के थरबिट्टा व खरैल में पूर्वी तटबंध पर दो मेडिकल कैंप लगाये गये हैं. इसके साथ ही एक चलंत मेडिकल टीम भी तटबंध के भीतर नाव से गांव-गांव जा कर लोगों का चिकित्सा कर रही है.
अभिलाष कुमार वर्मा, स्वास्थ्य प्रबंधक, किसनपुर

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