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अध्यक्ष व उपाध्यक्ष समेत पांच की याचिका खारिज

गड़बड़झाला. नगर पर्षद में 3.87 करोड़ गबन का मामला पूर्व चेयरमैन अनुराधा गुप्ता की गिरफ्तारी पर रोक से संबंधित आदेश की अवधि समाप्त सीवान : नगर पर्षद में सोलर लाइट समेत विभिन्न सामग्रियों के खरीद में गबन के आरोपित सभापति व उप सभापति समेत पांच आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका को निगरानी कोर्ट ने खारिज […]

गड़बड़झाला. नगर पर्षद में 3.87 करोड़ गबन का मामला

पूर्व चेयरमैन अनुराधा गुप्ता की गिरफ्तारी पर रोक से संबंधित आदेश की अवधि समाप्त
सीवान : नगर पर्षद में सोलर लाइट समेत विभिन्न सामग्रियों के खरीद में गबन के आरोपित सभापति व उप सभापति समेत पांच आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका को निगरानी कोर्ट ने खारिज कर दिया है. अब ये लोग हाइकोर्ट में अपील करने की तैयारी में है. उधर पूर्व में निगरानी द्वारा आरोपित पूर्व सभापति अनुराधा गुप्ता की गिरफ्तारी पर रोक संबंधित आदेश की अवधी समाप्त हो जाने से उनकी गिरफ्तारी की भी संभावना बढ़ गयी है.
सामग्री खरीद में 3.87 करोड़ रुपये गबन का मामला उजागर होने के बाद तेरह लोगों के खिलाफ निगरानी ने प्राथमिकी दर्ज की थी.निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना में जनवरी में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से मामला शांत पड़ा रहा. नगर पर्षद चुनाव को लेकर अचानक आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर निगरानी की सक्रियता बढ़ी. नतीजा रहा कि
आरोपित भागते फिर रहे हैं. इसी क्रम में पूर्व सभापति व वर्तमान वार्ड पार्षद अनुराधा गुप्ता द्वारा दिये गये आवेदन पर पटना हाइकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर 30 अप्रैल तक के लिए रोक लगा दी थी. ऐसे में अनुराधा ने एक बार फिर वार्ड पार्षद के लिए नामांकन दाखिल किया है. जबकि निगरानी व नगर थाना से बचने के लिए अन्य प्रतिनिधि नामांकन पत्र दाखिल करने की हिम्मत नहीं जुटा पाये. इस बीच 30 अप्रैल की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद अनुराधा गुप्ता के ऊपर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है.
उधर कांड के आरोपित नगर सभापति बबलू प्रसाद, उप सभापति कर्णजीत सिंह समेत पांच लोगों ने अग्रिम जमानत के लिए निगरानी की विशेष अदालत मुजफ्फरपुर में आवेदन दिया था. जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. ऐसे में फिलहाल आरोपितों के गिरफ्तारी से बचने के पहले प्रयास पर झटका लगा है. ऐसे में अब ये लोग हाइ कोर्ट में अपील करने की तैयारी में हैं. निगरानी के डीएसपी मुन्ना प्रसाद ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि निगरानी कोर्ट में आरोपितों के आवेदन का हमारे द्वारा विरोध किया गया था. आगे भी उच्च अदालतों में जमानत आवेदन पर अपना विरोध जताया जायेगा. मालूम हो कि वार्ड पार्षद इंतखाब अहमद की शिकायत पर हुई जांच के बाद यह मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसमें नगर सभापति बबलू प्रसाद, तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन प्रकाश, तत्कालीन सभापति अनुराधा गुप्ता, उपसभापति कर्णजीत सिंह, वार्ड पार्षद अभिनव श्रीवास्तव, अब्दुल खारीद, सुनीता देवी, किरण देवी, अपूर्तिकर्ता प्रमोद कुमार, संदीप कुमार, वीरेंद्र कुमार चौबे, प्रो हर्षवर्धन सिंह, रितेश अनंद व अज्ञात को आरोपित किया गया है.
निगरानी के कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अब हाइ कोर्ट से उम्मीद

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